पैगम्बर मोहम्मद टिप्पणी विवाद पर नूपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट से राहत, सुनवाई से किया मना
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया जिसमें अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की गई थी कि पैगंबर मुहम्मद पर उनकी कथित टिप्पणी को लेकर भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) को गिरफ्तार किया जाए।
विशेष रूप से अब निलंबित भाजपा नेता को कुछ राहत देते हुए,सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने इस मामले में विभिन्न राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज सभी प्राथमिकी को दिल्ली में स्थानांतरित कर दिया। उक्त सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती नूपुर शर्मा को गिरफ्तारी से सुरक्षा सभी लंबित और भविष्य की प्राथमिकी में जारी रहेगी।
एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मुहम्मद पर नूपुर शर्मा की इस्लाम के पैगम्बर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी से विवाद खड़ा हो गया जो उन्होंने दूसरे डिबेट पैनेलिस्ट तस्लीम रहमानी द्वारा शिवलिंग पर बेतुके बयान के जवाब में की थी। इसके बाद पूरे देश में मुस्लिम समुदाय द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी उनकी टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति दर्ज की थी। भाजपा ने नेता और उनके द्वारा की गई टिप्पणी से खुद को दूर कर लिया।
इस बीच, कांग्रेस के राशिद अल्वी ने सवाल किया कि नूपुर शर्मा को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया। अल्वी ने कहा, “अब तक (नूपुर शर्मा के खिलाफ) कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है। SC ने पहले कहा था कि इस देश में जो कुछ भी हो रहा है वह उसकी वजह से है। उसे अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?”
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर को दिल्ली स्थानांतरित करने से इनकार कर दिया था। सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने इस मामले पर तीखी टिप्पणी की जिसकी आलोचना की गई थी।
नूपुर शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि उन्होंने ‘देश की सुरक्षा के लिए खतरा’ बताया। बेंच ने कहा था, ‘जिस तरह से उसने पूरे देश में भावनाओं को प्रज्वलित किया है … देश में जो हो रहा है उसके लिए यह महिला अकेले जिम्मेदार है।’