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CPI के राष्ट्रीय अधिवेशन में नीतीश कुमार करेंगे संबोधन, पीएम दावेदारी पेश करने का दिया संकेत

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नीतीश कुमार 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर अपना दमखम अभी से लगाना शुरू कर दिया है। अब वो दिल्ली में कम्यूनिस्ट पार्टियों के शीर्ष नेताओं से मुलाकात के बाद नीतीश कुमार अब कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) के अधिवेशन को भी संबोधित करने वाले हैं। आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में आयोजित होने वाले सीपीआई के राष्ट्रीय अधिवेशन में विपक्षी दलों के कई और मुख्यमंत्री भी हिस्सा लेंगे। यह अधिवेशन अगले महीने की 14 को शुरू होगा जो 18 तारीख तक चलेगा। इससे पहले नीतीश आरजेडी चीफ लालू प्रसाद के साथ दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने वाले हैं।

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सीपीआई के सम्मेलन को संबोधित करेंगे नीतीश


सीपीआई के प्रदेश सचिव राम नरेश पाण्डेय ने कहा, ‘नीतीश सीपीआई के 24वें राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित करने को राजी हो चुके हैं।’ उन्होंने कहा कि बिहार के उप-मुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को भी इस अधिवेशन में आमंत्रित किया जाएगा। इसी तरह, तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना और राजस्थान समेत कई अन्य विपक्ष शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी विजयवाड़ा राष्ट्रीय अधिवेशन का न्योता भेजा जाएगा।

नीतीश और लालू रविवार को करेंगे सोनिया गांधी से मुलाकात


नीतीश कुमार इस रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिलने वाले हैं उनके साथ आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव भी दिल्ली दौरे पर आ रहे हैं दोनों यहां एकसाथ सोनिया से मिलेंगे। इसी हफ्ते कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) यानी मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (CPIM) के महासचिव सीताराम येचुरी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) चीफ शरद पवार ने बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकता का खाका तैयार करने को लेकर नीतीश से मुलाकात की थी। इससे पहले, नीतीश बिहार में बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद इस महीने के पहले सप्ताह में दिल्ली दौरे पर आए थे तब उन्होंने सीपीआई चीफ डी राजा, सीपीएम चीफ सीताराम येचुरी और सीपीआई(एमएल) चीफ दीपांकर भट्टाचार्य से मुलाकात की थी।

2024 की तैयारियों को धार दे रहे हैं नीतीश


नीतीश कुमार 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर खुद को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश करने में जुटे हैं। यह अलग बात है कि उन्होंने कभी ऐसा दावा किया नहीं है, लेकिन बिहार में पाला बदलने के बाद की उनकी गतिविधियां बहुत कुछ इशारा कर रही हैं। सीपीआई के सम्मेलन में शामिल होने का फैसला भी इसी कड़ी का एक हिस्सा माना जा रहा है।

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