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MonkeyPox: दिल्‍ली में मंकीपॉक्‍स का पहला केस, WHO ने इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया

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अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (CDC) के मुताबिक, पहली बार मंकीपॉक्‍स बीमारी 1958 में सामने आई थी। तब रिसर्च के लिए रखे गए बंदरों में ये संक्रमण मिला था।

मंकीपॉक्‍स
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देश की राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स का पहला केस सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार 31 वर्षीय व्यक्ति मंकीपॉक्‍स संक्रमित पाया गया है। संक्रमित शख्स दिल्ली के पश्चिमी दिल्ली का रहने वाला है। शख्स फिलहाल एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती है।

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सूत्रों के अनुसार संक्रमित शख्स बीते दिनों शख्स हिमाचल प्रदेश से घूमकर लौटा है। हालांकि उसकी कोई विदेश यात्रा की अभी हिस्ट्री सामने नहीं आई है। इससे पहले केरल में मंकीपॉक्स के तीन मरीज मिल चुके हैं। ये तीनों ही मरीज यूएई से लौटे थे और वहीं पर ये किसी संक्रमित के संपर्क में आए थे।

भारत में मंकीपॉक्‍स का पहला मरीज कोल्लम में 12 जुलाई को मिला था। संक्रमित शख्स यूएई से आया था। दूसरा केस अगले ही दिन कन्नूर में सामने आया, जहां दुबई से आए शख्स इस बीमारी से पीड़ित मिला था।

क्या है मंकीपॉक्‍स?

अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (CDC) के मुताबिक, पहली बार ये बीमारी 1958 में सामने आई थी। तब रिसर्च के लिए रखे गए बंदरों में ये संक्रमण मिला था। इसलिए इसका नाम मंकीपॉक्स रखा गया है। इन बंदरों में चेचक जैसी बीमारी के लक्षण दिखे थे।

वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को मंकीपॉक्स को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि इससे संक्रमित व्यक्ति को तेज बुखार, स्कीन पर चकत्ते होते हैं। इसके साथ ही हड्डियों में दर्द और थकान भी महसूस होती है। ऐसे में अगर आप मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं, तो 21 दिन तक अगर आपको ये सब लक्षण आपको अंदर दिखते हैं, तो तुरंत आप डॉक्टर से सीधे संर्पक करें।

मंकीपॉक्‍स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित- WHO

WHO विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है। इसे फैलने से रोकने और महामारी में बदलने की आशंका से बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय पहल की तुरंत जरूरत है। मंकीपॉक्स पर यह डब्ल्यूएचओ का सबसे टॉप लेवल का अलर्ट है। यह घोषणा दुनियाभर की सरकारों के लिए तुरंत कार्रवाई की अपील का काम करती है।

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