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जम्मू कश्मीर में फिर से आतंकी हमले का शिकार बने अल्पसंख्यक, स्कूल में घुसकर प्रिंसिपल और एक शिक्षक पर बरसाई गोलियां

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जम्मू-कश्मीर। श्रीनगर के सफाकदल इलाके में आतंकियों ने गवर्नमेंट ब्यॉज हायर सेकेंडरी स्कूल के अंदर घुसकर फायरिंग की, जिसमें स्कूल की प्रिंसिपल और एक शिक्षक की मौत हो गई। स्कूल की प्रिंसिपल का नाम सुपिंदर कौर और शिक्षक का नाम दीपक चंद बताया जा रहा है। हमले के बाद से स्कूल के बाकी स्टाफ में दहशत फैल गई है।

‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने ली हमले की जिम्मेदारी

वहाँ के डीजीपी दिलबाग सिंह का कहना है कि ‘जम्मू-कश्मीर में दहशत फैलाने के इरादे से आतंकी घाटी में आम नागरिकों पर हमले कर रहे हैं। बेकसूर लोगों को मारा जा रहा है, ताकि लोगों में आपसी भाईचारा खत्म हो सके। वो कश्मीरी मुसलमानों की छवि खराब करके लोगों को यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि यहाँ के लोग प्यार और भाईचारे के साथ नहीं रहते हैं।‘

लगातार हो रहे हमलों पर दुख प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि ‘पुलिस आतंकियों की तलाश में जुटी है। सभी हत्याओं का बदला अवश्य लिया जाएगा।‘

तीन दिनों में पांच लोगों पर हुए आतंकी हमले

घाटी के अंदर आतंकी पिछले तीन दिनों में पांच नागरिकों की हत्या कर चुके हैं। इससे पहले मंगलवार को कश्मीर में आतंकियों ने तीन अलग-अलग स्थानों पर तीन व्यक्तियों को की हत्या कर दी थी।

आतंकियों ने पहला हमला एक मशहूर फार्मेसी कारोबारी, कश्मीरी पंडित माखन लाल बिंदरू के ऊपर किया था। दहशतगर्दों ने उन्हें पॉइंट-ब्लैंक रेंज में गोली मारी थी। दूसरा हमला श्रीनगर के मदीन साहिब में एक स्ट्रीट हॉकर पर लगातार गोलियां बरसा कर किया था। तीसरे हमले में आतंकियों ने बांदीपोरा जिले में एक आम नागरिक को गोली मारकर उसे मौत के घाट उतार दिया था।

इन हमलों की मंशा क्या है?

दरअसल, इस समय कश्मीर में कश्मीरी पंडितों की वापसी और उनकी संपत्ति पर हुए कब्जों के हटाने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके चलते आतंकी वहाँ 1990 जैसा दहशत का माहौल पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि कश्मीरी पंडित और हिन्दू वहाँ वापसी न कर सकें।

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