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अंतरिक्ष बाजार में बढ़ता भारत का दमखम, ‘लो अर्थ ऑर्बिट उपग्रहों का प्रक्षेपण के लिए वन वेब के साथ ISRO ने कॉन्ट्रैक्ट किया साइन

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(ISRO) इतिहास रचने जा रहा है। वह यूनाइटेड किंगडम के वैश्विक संचार नेटवर्क वन वेबके 36 उपग्रहों को अपने सबसे भारी लॉन्चर ‘लॉन्च व्हीकल मार्क III के जरिए इस महीने के अंत में अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करेगा। ISRO ने लो अर्थ ऑर्बिट में इन उपग्रहों का प्रक्षेपण करने के लिए वन वेब के साथ दो सर्विस कॉन्ट्रैक्ट साइन किए हैं।

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विशेषज्ञों के अनुसार, 360 अरब डॉलर की वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी करीब दो प्रतिशत है। इसरो का लक्ष्य 2030 तक अपनी बाजार हिस्सेदारी को बढ़ाकर 9प्रतिशत तक करना होगा। वर्ष 1999 से अब तक इसरो अपनी व्यावसायिक शाखा के माध्यम से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान के जरिए 34 देशों के 345 विदेशी उपग्रहों को लॉन्च कर चुका है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के अनुसार, विदेशी उपग्रहों के प्रक्षेपण से करीब 5.6 करोड़ डॉलर और 22 करोड़ यूरो की विदेशी मुद्रा अर्जित की है।

पांच वर्ष पूर्व रिकॉर्ड बनाया

इसरो ने 15 फरवरी 2017 को एक साथ 104 उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे थे। इनमें अमेरिका के 96 उपग्रह शामिल थे। इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया था। इससे पहले एक साथ इतने उपग्रह कभी नहीं छोड़ गए थे।  

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