विश्वगुरु का गौरव प्राप्त करने के लिए अपना लक्ष्य निर्धारित कर रहा भारत : जगदीप धनखड़
Jharkhand : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि देश विश्वगुरु का गौरव फिर से प्राप्त करने के लिए अपना रास्ता तैयार कर रहा है। और यह इस दशक के आखिरी तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। राज्य के जमशेदपुर में प्रबंध संस्थान एक्सएलआरआई के प्लैटिनम जुबली समारोह में जगदीप धनखड़ ने कहा कि देश चौथी औद्योगिक क्रांति की दहलीज पर खड़ा है।
धनखड़ ने क्या कहा?
धनखड़ ने संस्थान के छात्रों और संकाय सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि यह वास्तव में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों से प्रेरित एक परिवर्तनकारी युग है। कृत्रिम मेधा, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, मशीन लर्निंग, क्वांटम कंप्यूटिंग, 6जी प्रौद्योगिकी और हरित हाइड्रोजन जैसी प्रौद्योगिकियों का उदय अद्वितीय अवसर प्रस्तुत करता है।
देश की शक्ति को वैश्विक मान्यता मिल रही है
धनखड़ ने कहा कि इनमें उद्योगों को फिर से परिभाषित करने, समाधानों की फिर से कल्पना करने और हमारे जीने एवं कार्य करने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज, हमारे देश की शक्ति को वैश्विक मान्यता मिल रही है, चाहे वह भूमि, समुद्र, वायु या अंतरिक्ष पर हो। हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों और हमारी सदियों पुराने सभ्यतागत मूल्यों को बनाए रखने वाले परिवेश के निर्माण के लिए इसे युवा नेताओं के समर्थन की आवश्यकता है।
विश्व बैंक ने की सराहना
धनखड़ ने कहा कि भारत की कुशल डिजिटल भुगतान प्रणाली अब सिंगापुर जैसे देशों द्वारा अपनाई जा रही है और विश्व बैंक ने हाल ही में कहा था कि भारत ने डिजिटल समावेश के लिए 6 वर्षों में जो हासिल किया है, उसमें आमतौर पर 47 साल लगेंगे। धनखड़ ने कहा कि विश्व बैंक की यह सराहना वर्तमान शासन मॉडल के प्रति सम्मान है, जो अत्यधिक जवाबदेह और पारदर्शी है।
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