कुन्नूर हेलिकॉप्टर हादसे में घायल ग्रुप कैप्टन वरूण सिंह नहीं रहे

कुन्नूर हेलिकॉप्टर हादसे में जख्मी हुए ग्रुप कैप्टन वरूण सिंह का निधन बुधवार सुबह हो गया। भारतीय वायु सेना ने बेहद ही अफसोस के साथ इस बात की जानकारी दी।
बीते 8 दिसंबर को हुए इस हादसे में तीनों सेनाओं के पहले CDS जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत कुल 13 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी।
भारतीय वायु सेना ने ट्वीट कर कहा, ‘यह दुखद सूचना है कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का आज सुबह निधन हो गया है। इसी महीने आठ दिसंबर को वे हेलिकॉप्टर हादसे में घायल हुए थे। भारतीय वायुसेना उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करती है और इस मुश्किल वक़्त में उनके परिवार के साथ खड़ी है।”
8 दिसंबर को सीडीएस बिपिन रावत समेत कुल 14 लोग Mi17V5 हेलिकॉप्टर में सवार थे। तमिलनाडु के कुन्नूर में एक पेड़ से टकराकर चॉपर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। जिसमें 13 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी।
जिंदगी और मौत के बीच जारी थी जंग
लेकिन ग्रुप कैप्टन वरूण सिंह गंभीर रूप से घायल थे। उस वक्त उन्हें तमिलनाडु के वेलिंगटन के सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था, गंभीर स्थितियों को देखते हुए उन्हें वहां से एयरलिफ्ट कर बेंगलुरू लाया गया था।
गुरुवार 9 दिसंबर को वरुण सिंह को एम्बुलेंस से कुन्नूर से कोयंबटूर लाया गया था और वहाँ से एयरलिफ़्ट कर बेंगलुरु के कमांड अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था।
ग्रुप कैप्टन के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है, ”ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने गर्व, निर्भिक और बेहतरीन प्रोफ़ेशनल की तरह देश की सेवा की। उनकी मौत से मैं बहुत ही दुख हूँ। उन्होंने देश के लिए जो किया है, उसे कभी भुला नहीं जाएगा। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी संवेदना है। ओम शांति।
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह वेलिंगटन के डिफ़ेंस सर्विसेज स्टाफ़ कॉलेज (डीएसएससी) में फिलहाल डायरेक्टिंग स्टाफ़ थे। आठ दिसंबर को वरुण जनरल रावत की आगवानी के लिए सुलुर गए थे।
जनरल रावत वेलिंगटन डीएसएससी (DSSC) के कैडेट को संबोधित करने आ रहे थे लेकिन उनका हेलिकॉप्टर मंजिल से 10 किलोमीटर पहले ही हादसे का शिकार हो गया था।
वरुण सिंह के चाचा और कांग्रेस के पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप सिंह ने तब ट्वीट कर कहा था, ”इस त्रासदी में भी वो ज़िंदा है तो यह ईश्वर की ही दया है। उम्मीद करता हूँ कि वो जल्दी ठीक हो जाए। मैं उत्तर प्रदेश के रुद्रपुर में एक पदयात्रा में था तभी वॉट्सऐप फैमिली ग्रुप पर हेलिकॉप्टर क्रैश की ख़बर मिली थी। डॉक्टरों ने कहा है कि आने वाले कुछ दिन उनके लिए बहुत ही अहम हैं।”
शौर्य चक्र से हुए थे सम्मानित
वरुण सिंह ने इसी वर्ष अगस्त महीने में युद्ध के मैदान से अलग भारत का तीसरा सर्वोच्च वीरता सम्मान शौर्य चक्र प्राप्त हुआ था।
यह अवॉर्ड उन्हें पिछले साल अक्टूबर 2020 में विंग कमांडर के तौर पर मिला था। उस दौरान उनकी तैनाती लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ़्ट के साथ थी।
वरुण सिंह के शौर्य की गाथाएं कम नहीं थी। 12 अक्टूबर, 2020 को वरुण एक तेजस एयरक्राफ़्ट युद्ध अभ्यास के लिए उड़ा रहे थे। तभी काफ़ी ऊपर जाने के बाद एक आपातकालीन स्थिति पैदा हो गई। कॉकपिट के भीतर एक मशीन फेल हो गई लेकिन वरुण सिंह ने अपने अदम्य साहस और कौशल को दिखाते हुए सुरक्षित लैंडिंग की थी।
परिवार का है सेना से तालुक्क
विधायक अखिलेश सिंह ने कहा था कि उनके भतीजे वरुण ने एनडीए यानी नेशनल डिफेंस एकेडमी की परीक्षा पास करने के बाद एयर फ़ोर्स जॉइन की थी और वो अपने बैच के बेस्ट पायलट थे। वरुण सिंह का परिवार भी सेना से जुड़ा हुआ है। उनके पिता केपी सिंह भी सेना से कर्नल की पोस्ट से रिटायर हुए हैं। वरुण के भाई भी भारती नेवी में अधिकारी हैं।