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किस कारण PFI पर लगा 5साल का बैन, जानिए अंदर की कहानी

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बता दें कि भारत ने PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ) पर बैन लगा दिया है। गृह मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए बजट में बताया गया है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को केंद्र सरकार ने गैर कानूनी संगठन घोषित करते हुए इसे पांच साल के लिए बैन(PFI Banned for 5years) कर दिया है।

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केंद्रीय गृह मंत्री की तरफ से नोटिफिकेशन में कहा गया है कि सरकार ने पीएफआई की विध्वंशक गतिविधियों को देखते हुए देशहित में विधिविरुद्ध गतिविधियां (निवारण) अधिनियम, 1967 यानी यूएपीए के सेक्शन 3 के सबसेक्शन 1 के तहत प्राप्त शक्तियों का इस्तेमाल किया है। और अगर सरकार को किसी व्यक्ति, संस्था या किसी और एंटिटी के खिलाफ देशविरोधी या आंतकी गतिविधियों में शामिल होने के कोई भी सबूत मिलते है तो सरकार उन पर प्रतिबंध लगा सकती है।

केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए संगठन के गुनाहों को गिनाया

केंद्र सरकार ने एक एक करके नोटिफिकेशन में संगठन के गुनाहों के बारे में गिनाया है। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि पीएफआई ने समाज के विभिन्न वर्गों जैसे युवाओं, छात्रों, महिलाओं, इमामों, वकीलो या समाज के कमजोर वर्गों के बीच अपनी पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य से अपने सहयोगी संगठनों या सम्बद्ध संस्थाओं या अग्रणी संगठनों की स्थापना की है। इसका एकमात्र उद्देश्य इसकी सदस्यता, प्रभाव और फंड जुटाने की क्षमता बढ़ाना है। अब तक के सबसे बड़े अभियान में पीएफआई के खिलाफ दो बार देशव्यापी छापेमारी हो चुकी है।

इन छापेमारियों में संगठन के बड़े-बड़े नेता गिरफ्तार किए गए हैं। देश के 8 राज्यों में मंगलवार को भी पीएफआई के करीब 25 ठिकानों पर छापे पड़े थे और दर्जनों लोगों को हिरासत में लिया गया था। पीएफआई को बैन करने का मतलब है कि अब पीएफआई किसी प्रकार की गतिवधि को अंजाम नहीं दे सकता है। वह ना कोई कार्यक्रम आयोजित कर सकता है, न तो उसका कोई दफ्तर होगा, न वो कोई सदस्यता अभियान चला सकता है और न ही फंडिंग ले सकता है।

रिपोर्ट: अंकित डागर

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