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पीएम का अमेरिका दौरा: पहली बार करेंगे जो बाइडेन से आमने-सामने मुलाकात, चीन के रवैये व अन्य मुद्दों पर क्वाड के दूसरे देशों से भी होगी चर्चा

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 सितंबर को व्हाइट हाउस में अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडेन से पहली बार आमने-सामने मुलाकात करेंगे। हालांकि पहले उनके बीच तीन वर्चुअल मीटिंग्स हो चुकी हैं। मोदी 23 सितंबर को अमेरिका की वाइस प्रेसिडेंट कमला हैरिस से भी मुलाकात करेंगे। सोमवार को व्हाइट हाउस ने राष्ट्रपति बाइडेन का साप्ताहिक कार्यक्रम घोषित किया, जिसमें पीएम मोदी से मुलाकात का ज़िक्र भी शामिल था।

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व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने की पुष्टि

व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने पुष्टि करते हुए कहा कि ‘प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका दौरे पर आ रहे हैं। 23 सितंबर को वो वाइस प्रेसिडेंट कमला हैरिस से मुलाकात करेंगे और 24 सितंबर को व्हाइट हाउस में प्रेसिडेंट बाइडेन भारत के प्रधानमंत्री का स्वागत करेंगे। हम चाहते हैं कि दोनों देशों के रिश्ते और भी ज्यादा मजबूत हों।‘

उन्होंने आगे कहा, “बाइडेन-हैरिस प्रशासन भारत के साथ अपनी वैश्विक साझेदारी को नए आयाम देना चाहता है। हम हिंद और प्रशांत महासागर में आवाजाही को आसान बनाना चाहते हैं। कोविड को खत्म करने के प्रयासों में भी दोनों देशों में आपसी सहयोग जारी रहेगा। क्लाइमेट चेंज और कुछ अन्य मुद्दों पर भी दोनों देशों के नेता बातचीत करेंगे।”

क्वाड के अन्य देशों से भी होगी मुलाकात

प्रधानमंत्री मोदी ने बाइडेन को 17 नवंबर 2020 को बाइडेन को फोन कर उन्हे राष्ट्रपति चुनावों में जीत की बधाई दी थी। इसके बाद दोनों नेताओं के मध्य 8 फरवरी और 26 अप्रैल को फोन पर बात हुई थी। सितंबर 2019 में आखिरी बार नरेंद्र मोदी डोनाल्ड ट्रम्प के साथ हाउडी मोदी प्रोग्राम में हिस्सा लेने के लिए अमेरिकी दौरे पर गए थे।

24 सितंबर को ही बाइडेन क्वॉड देशों के राष्ट्राध्यक्षों से भी मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात में जो बाइडेन और प्रधानमंत्री मोदी के अलावा जापान के प्रधानमंत्री सुगा और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन भी शामिल होंगे।

चीन के रवैये समेत अन्य कई मुद्दों पर होगी चर्चा

इस मीटिंग में हिंद और प्रशांत महासागर में चीन की हरकतों और विस्तारवादी नीतियों को देखते हुए किसी कारगर रणनीति पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा इसमें नई टेक्नोलॉजी, सायबर सिक्योरिटी, समुद्र सुरक्षा, मानवीय सहायता, डिजास्टर मैनेजमेंट, क्लाइमेट चेंज जैसे कई मुद्दों को शामिल किया जाएगा।

जानकारों के अनुसार इन चार देशों का एकत्रित होकर चीन के विरूद्ध रणनीति बनाना अति आवश्यक है, क्योेंकि इस क्षेत्र के छोटे देशों जैसे मलेशिया, फिलीपीन्स, ब्रुनेई, ताइवान और जापान को वो आंखें दिखाने की कोशिश कर रहा है, ऐसे में क्वाड देशों के लिए यह एक प्रकार की चुनौती भी है।

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