New Delhi : खेती पर साल-दर-साल आपदाओं का जोखिम बढ़ता जा रहा है। खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) की रिपोर्ट के मुताबिक इन आपदाएं के कारण विश्व भर के किसानों पर हर वर्ष 10.2 लाख करोड़ रुपए से अधिक की मार पड़ रही है। यह वैश्विक स्तर पर कृषि क्षेत्र के वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 5 फीसदी हिस्से के बराबर है।
खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) की नई स्टैटिस्टिकल ईयरबुक, वर्ल्ड फूड एंड एग्रीकल्चर 2023 के अनुसार, 1991 से 2021 के दौरान किसानों को बाढ़, सूखा, तूफान, ओला, जैसी आपदाओं के कारण फसल उत्पादन और पशुधन के रूप में करीब 316.6 लाख करोड़ रुपए का नुकसान झेलना पड़ा है। इन आपदाओं का सबसे ज्यादा खामियाजा भारत सहित पूरे एशिया के किसानों को भुगतना पड़ा है।
इन्हें इन तीन दशकों के दौरान करीब 143.3 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। अमेरिका और यूरोप अपने कृषि क्षेत्र के संबंध में आनुपातिक रूप से अधिक प्रभावित हुए हैं। यदि कृषि क्षेत्र के सकल घरेलू उत्पाद के लिहाज से देखें तो इन आपदाओं से अफ्रीका में किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।
धीरे-धीरे किसानों और कृषि श्रमिकों का खेती-किसानी से लगाव घट रहा है। यही वजह है कि पिछले 21 वर्षों में कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों में गिरावट देखी गई है। जहां साल 2000 में करीब 102.7 करोड़ लोग यानी वैश्विक श्रमबल का करीब 40 फीसदी हिस्सा कृषि से जुड़ा था। यह 2021 में घटकर केवल 27 फीसदी रह गया। यानी अब केवल 87.3 करोड़ लोग अपनी जीविका के लिए कृषि पर निर्भर हैं। यदि 2000 से 2021 के बीच देखें तो कीटनाशकों के उपयोग भी तेजी से बढ़ रहा है।
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