चिकित्सा के नाम पर अब कोई झोलाछाप डॉक्टर (Doctor) देश में किसी मरीज (Patient) की सेहत से खिलवाड़ नही कर पायेगा। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने सभी चिकित्सकों के लिए पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। देश में प्रैक्टिस (Practice) करने के लिए हर चिकित्सक को विशिष्ट पहचान संख्या (UID) मिलेगी। सारा डाटा एनएमसी की वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगा। एक क्लिक में ही संबधित डॉक्टर का पूरा ब्योरा जाना जा सकेगा। दरअसल, हाल में जारी अधिसूचना के अनुसार, इन आंकड़ों को राष्ट्रीय चिकित्सा रजिस्टर में अपडेट किया जाएगा और एनएमसी की वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जायेगा।
वेबसाइट पर चिकित्सक की पंजीकरण संख्या (registration number), नाम, पंजीकरण की तिथि, कार्यस्थल (अस्पताल या संस्थान का नाम), अतिरिक्त चिकित्सा योग्यता और उस संस्थान व विश्वविद्यालय (institute and university) का नाम सारी जानकारी उपलब्ध हो जाएगी। कोई भी व्यक्ति जिसने राष्ट्रीय चिकित्सा (national medicine) आयोग कानून 2019 के तहत मान्यता प्राप्त प्राथमिक चिकित्सा य़ोग्यता प्राप्त की है, और अधिनियम की धारा-15 के तहत आयोजित राष्ट्रीय परीक्षा (National exam) उत्तीर्ण की हो, वह एनएमआर में पंजीकरण (Registration NMR) कराने के लिये पात्र होगा। विदेश से चिकित्सा की पढ़ाई करने वाले और अधिनियम की धारा-15 के तहत आयोजित राष्ट्रीय परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले चिकित्सक भी एनएमआर में पंजीकरण के लिये पात्र होंगे बशर्ते कि वे विदेशी चिकित्सा स्नातक विनियमन (Foreign Medical Graduate Regulation), 2021 की शर्तों को पूरा करते हों।
पर्चो पर जेनेरिक दवा ही लिखना होगा
देश में जेनेरिक दवाओं के इस्तेमाल को लेकर केन्द्र सरकार सख्त हुई है। इस संबध में एक आदेश जारी करते हुए सरकार ने केंद्र सरकार के अस्पतालों, सीजीएचएस वेलनेस सेंटर और पालिक्लीनिक के चिकित्सकों को जेनेरिक दवा लिखने की सलाह दी है। सरकार ने चेताया भी है कि यदी कोई चिकित्सक अपनी पर्ची में मरीज के लिए जेनेरिक दवा नही लिखता है तो उसके खिलाफ सख्त कदम उठाया जाएगा। स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल (Dr. Atul Goyal) की ओर से इस संबध में जारी आदेश में कहा गया है कि कुछ डॉक्टरो द्वारा ब्रांडेड दवाए पर्ची पर लिखी जा रही है जो कि सही नही है।
डा. गोयल (Dr. Goyal) ने अपने नोटिस में डाक्टरों को इस बात की सलाह दी है कि किसी भी स्थिति में अपनी पर्ची पर सिर्फ जेनेरिक दवाइयां (generic drugs) ही लिखा जाना चाहिए । सभी चिकित्सा संस्थानों के मुखियाओं को आदेश का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है। साथ ही मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के डॉक्टरो से मिलने के लिए भी नई गाइडलाइन जारी की गई है।
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