Advertisement

कोरोना के दौरान हुए मौतों पर केंद्र सरकार ने जारी किया दिशा-निर्देश, जहर खाने, आत्महत्या, हत्या और दुर्घटना से होने वाली मृत्यु को COVID-19 मौतों से अलग रखा जाएगा

Share
Advertisement

नई दिल्ली: भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उसने 30 जून को  कोर्ट द्वारा पारित फैसले में निर्देशों के अनुपालन में COVID-19 मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए हैं।

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार को दिया था निर्देश

गौरव कुमार बंसल बनाम भारत संघ और रीपक कंसल बनाम भारत संघ और अन्य मामलों में 30 जून को दिए गए फैसले में जस्टिस अशोक भूषण और एमआर शाह की पीठ द्वारा निर्देश जारी किए गए थे। पीठ ने स्पष्ट किया था कि एक मृत्यु प्रमाण पत्र एक कोविड ​​​​के संबंध में ही जारी किया गया था। इसके साथ ही, यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु COVID के कारण किसी अन्य जटिलता या बीमारी के कारण हुई है, तो भी मृत्यु प्रमाण पत्र में विशेष रूप से मृत्यु का कारण COVID होना चाहिए।

सरकार के दिशा-निर्देश

जहर खाने, आत्महत्या, हत्या और दुर्घटना की वजह से होने वाली मौतों को COVID-19 की मौत नहीं माना जाएगा, भले ही वो इंसान COVID-19 से पीड़ित हो।

केंद्र सरकार ने दिशानिर्देशों में बताया है कि COVID-19 मामले जिनका समाधान नहीं हुआ है और जिनकी या तो अस्पताल ले जाने में या घर पर मृत्यु हो गई है, और जहां पंजीकरण प्राधिकारी को फॉर्म 4 और 4 ए में मृत्यु के कारण का चिकित्सा प्रमाण पत्र जारी किया गया है, जैसा कि पंजीकरण की धारा 10 के तहत आवश्यक है। दिशानिर्देशों के अनुसार, जन्म और मृत्यु (आरबीडी) अधिनियम, 1969 को कोविड-19 की मृत्यु के रूप में माना जाएगा। भारत के महापंजीयक इस संबंध में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य रजिस्ट्रारों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *