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BAN on Dogs Breed: केंद्र ने लगाया कुत्तों की 23 नस्लों पर बैन

BAN on Dogs Breed

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BAN on Dogs Breed:  बीते वर्षों और इस वर्ष की कुछ घटनाओँ पर नजर डालें तो आए दिन इस तरह की ख़बरें सुनाई पड़ती है कि कुत्तों के हमलों से लोग घायल हो गए। इनके हमलों में कई मासूमों की जान भी चली गई है। अब केंद्र सरकार ने सख्त फैसला लेते हुए कुत्तों की 23 ब्रीड को खतरनाक बताया और उन पर बैन लगा दिया है। ये नस्ले हैं…

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  • 1. पिटबुल टेरियर
  • 2. टोसा इनु
  • 3. अमेरिकन स्टेफोर्डशायर टेरियर
  • 4. फिला ब्रासीलीरो
  • 5. डोगो अर्जेंटीनो
  • 6. अमेरिकन बुलडॉग
  • 7. बोअरबोएल कांगल
  • 8. मध्य एशियाई शेफर्ड डॉग
  • 9. कोकेशियन शेफर्ड डॉग
  • 10. दक्षिण रूसी शेफर्ड डॉग
  • 11. टॉर्नजैक
  • 12. सरप्लानिनैक
  • 13. जापानी टोसा
  • 14. अकिता
  • 15. मास्टिफ
  • 16. टेरियर्स
  • 17. रोडेशियन रिजबैक
  • 18. वुल्फ डॉग
  • 19. कैनारियो
  • 20. अकबाश डॉग
  • 21. मॉस्को गार्ड डॉग
  • 22. केन कोर्सो
  • 23. बैंडोग नस्ल

पशुपालन मंत्रालय के अनुसार मिश्रित और क्रॉस सभी नस्लों पर यह नियम लागू होगा. विदेशी नस्लों के कुत्तों की बिक्री, प्रजनन या रखने पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया गया है.

 नहीं मिल पाती सही ट्रेनिंग

अब सवाल यह उठता है कि आखिर इंसानों के दोस्त माने जाने वाले कुत्ते इतने हमलावर क्यों होते जा रहे हैं और आखिर ये कुत्तों की इतनी ब्रीड कैसे बनीं। दरअसल जानकारों की मानें तो कुत्तों को सही फिजिकल और मेंटल ट्रेनिंग न मिलना इसका सबसे बड़ा कारण है। इससे वह किसी भी वर्ताब को हमने ऊपर हमला समझते हुए पलटवार करते हैं। कई बार उन्हें सही वातावरण न मिलना भी इसका एक कारण होता है।

बिना संबंधित अध्ययन के पालते हैं जानवर

पहले घरों की रखवाली के लिए पाले जाने वाले कुत्ते अब सिंबल इस्टेटस बन गए हैं। लोग इन्हें शौक के लिए पालने लगे हैं। अक्सर देखा जाता है कि लोग किसी भी नस्ल का कुत्ता या अन्य जानवर पाल लेते हैं लेकिन उसकी क्या विशेषताएं हैं उसे कैसा वातावरण देना चाहिए इस पर अध्ययन नहीं करते। इससे वह उस वातावरण के आदी नहीं हो पाते और लोगों पर अटैक कर देते हैं।

ऐसे बढ़ी नस्लें

बात अगर कुत्तों की नस्ल बढ़ने की करें तो कुछ जगहों पर जंगली भेड़ियों को घरों में पाला गया। फिर क्रॉस ब्रीड हुई और कुत्तों की कई नस्ले बढ़ने लगीं। वहीं विशेषज्ञों की मानें तो किसी भी जीवित प्राणी पर उसके जन्म और वातावरण का खासा प्रभाव पड़ता है। मसलन वह जिस प्रजाति का है उसके जन्मजात गुण उसमें होंगे और उसे कैसे पाला जा रहा है उसका भी प्रभाव पड़ेगा।

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