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राफेल फाइटर जेट इन 13 बदलावों के साथ भारत पहुंचा, जानें इन विमानों की खूबियाँ

राफेल फाइटर जेट
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भारतीय वायु सेना (Indian Airforce) को तीन नए राफेल फाइटर जेट (Rafale Fighter Jet) का काफिला मिल गया है। भारत को घातक बनाने के लिए इंडिया स्पेसिफिक इन्हैंसमेंट (ISE) के साथ राफेल लड़ाकू विमानों (Rafale Jet) की पहली खेप मंगलवार को पहुंची। 13 तरह के ISE और हार्डवेयर ट्विस्ट के साथ इनमें टॉप नॉच पर फायर कैपेबिलटी शामिल है। इनका सॉफ्टवेयर भारत में ही अपग्रेड होगा।

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राफेल फाइटर जेट (Rafale Fighter Jet) में इन बदलावों में रडार एन्हैंसमेंट, इजरायल के हेलमेट-माउंटेड डिस्प्ले, लो-बैंड जैमर, टोड डिकॉय सिस्टम, 10 घंटे की फ्लाइट डेटा रिकॉर्डिंग और लद्दाख जैसे हाई एल्टीट्यूड रीजन के लिए कोल्ड स्टार्ट इंजन कैपेबिलटी बढ़ाई गई हैं।

बता दें कि पहले आ चुके जेट में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर अपग्रेड के लिए फ्रांसीसी टीम भारत में मौजूद हैं। हर महीने 2-3 जेट विमानों को आईएसई के साथ तैयार किया जा रहा है। सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ हुई 59,000 करोड़ रुपए की डील के तहत तीन राफेल जेट आने से अब राफेल की कुल संख्या 35 हो गई है।

राफेल लड़ाकू विमान की ताकत

राफेल विमान दुनिया के सबसे ताकतवर फाइटर जेट विमानों में शामिल है। यह फाइटर विमान1800 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंचने में सक्षम है। पे लोड के बिना राफेल फाइटर जेट का वजन 10 टन है। मिसाइल के साथ उड़ान भरने वक्त (Rafale Fighter Jet Aircraft) इसका वजन 25 टन तक हो सकता है। यह विमान अपने साथ कई प्रकार के मिसाइलों को ले जाने में सक्षम है।

राफेल हिमालय के ऊपर बेहद सर्द मौसम में भी उड़ान भरने में सक्षम है। इसके साथ-साथ राफेल हैमर मिसाइलों (Hammer Missile System) से भी पूरी तरह लैस है। यह लड़ाकू विमान मात्र एक मिनट में 18 हजार मीटर तक की ऊंचाई पर जाने में सक्षम है। भारतीय वायुसेना में राफेल के साथ ही देसी एलसीए तेजस फाइटर जेट भी मौजूद हैं।

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