
Mauritius : कलकत्ता से मॉरीशस पहुंचे पंडित श्री सजीबुनलाल रामसुंदर ने 1888 में महेश्वर नाथ मंदिर की स्थापना की थी। मॉरीशस के केंद्र में स्थित पवित्र झील गंगा तालाब की पहली तीर्थयात्रा से जुड़ी होने के कारण यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है।
महेश्वर नाथ मंदिर के संस्थापक पंडित श्री संजीबोनलाल रामसुंदर 4 अप्रैल को कलकत्ता से मॉरीशस आए थे। वे भारतीय राज्य ओडिशा के मूल निवासी थे। सजीबुनला ने स्वयं मंदिर के निर्माण में मदद की थी। इस मंदिर के निर्माण का कार्य 1888 से 1891 तक चला था।
इस मंदिर को स्थानीय रूप से “ग्रैंड शिवाला ट्रायोलेट” के नाम से जाना जाता है। देवताओं और पुजारियों की प्रतिमाएँ भारत से आई थी। जब काशी से दूसरा “लिंगम” लाया गया, तो उन्होंने पोर्ट लुइस से ट्रायोलेट तक “शोभा यात्रा” का आयोजन किया था। मंदिर के उद्घाटन के बाद हिंदू समाज को संजीबुनलाल ने मंदिर के प्रबंधन के लिए धन दान किया था। 25 फ़रवरी 1907 को उनकी मृत्यु हो गई और मंदिर परिसर में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
समुद्री डाकुओं का खजाना
महेश्वर नाथ मंदिर के निर्माण से जुड़ी एक कहानी है। जिसके अनुसार मंदिर के निर्माण के दौरान सोने और चांदी के सिक्कों से भरा एक बड़ा बर्तन मंदिर बनाने के स्थान के नीचे दबा हुआ मिला था। बहुत से लोगों का मानना है कि यह सोना पिछली सदी के हिंद महासागर के समुद्री डाकुओं का था। जो कि ईस्ट इंडिया कंपनी के जहाजों पर हमला करके उनसे कीमती सामान लूट लेते थे। वहां मिले सभी पैसों को मंदिर के निर्माण में लगा दिया गया था।
यह भी पढ़ें : http://Nyctophobia : लगातार बढ़ता अंधेरे का डर बन सकता है आपके डिप्रेशन का कारण
Hindi Khabar App: देश, राजनीति, टेक, बॉलीवुड, राष्ट्र, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल, ऑटो से जुड़ी ख़बरों को मोबाइल पर पढ़ने के लिए हमारे ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कीजिए. हिन्दी ख़बर ऐप