“मुझसे कोई चर्चा तक नहीं की जाती…”, कांग्रेस नेता कमल नाथ ने जताई नाराजगी, दिग्विजय सिंह ने भी दिया साथ

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Madhya Pradesh : "मुझसे कोई चर्चा तक नहीं की जाती...", कांग्रेस नेता कमलनाथ ने जताई नाराजगी, दिग्विजय सिंह ने भी दिया साथ

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Madhya Pradesh : मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमल नाथ ने संगठन के भीतर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। 26 जनवरी को महू में होने वाली महारैली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है। रैली की तैयारियों को लेकर एक वर्चुअल बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, विधानसभा में नेता विपक्ष उमंग सिंघार, कमल नाथ, दिग्विजय सिंह और राज्य पीएसी के अन्य सदस्य शामिल हुए।

इस बैठक के दौरान कमल नाथ ने कहा, “इन दिनों ऐसा हो रहा है कि संगठन में नियुक्तियों के बारे में मुझसे कोई चर्चा तक नहीं की जाती। इस तरह की नियुक्तियों पर सीनियर नेताओं से संवाद किया जाना चाहिए। मुझे बैठकों के बारे में भी कोई जानकारी नहीं दी जाती, और यह कोई नया मामला नहीं है। हाल ही में तो मुझे मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली कि PCC में एक बैठक आयोजित हुई थी।”

कमलनाथ मध्य प्रदेश के रह चुके हैं 18वें मुख्यमंत्री

कमलनाथ, मध्य प्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री रहे हैं, लेकिन महज 15 महीने के कार्यकाल के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। उन्होंने मार्च 2020 से अप्रैल 2022 तक मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में भी कार्य किया। कांग्रेस पार्टी के एक सशक्त नेता के रूप में कमलनाथ ने शहरी विकास मंत्री के तौर पर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

कमलनाथ मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से नौ बार सांसद चुने जा चुके हैं, जो उनके क्षेत्र में मजबूत जनाधार को दर्शाता है। मई 2018 में उन्हें मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष चुना गया था, और उन्होंने नवंबर-दिसंबर 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व किया। इसके बाद, 17 दिसंबर 2018 को उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। हालांकि, सरकार में बहुमत न होने के कारण उन्हें 20 मार्च 2020 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।

दिग्विजय सिंह ने इशारों में जताई नाराजगी

कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय ने भी इशारों-इशारों में नाराजगी जताई और कहा, “मुझे मीटिंग का एजेंडा बैठक से कुछ मिनट पहले ही बताया गया। हमारे लिए यह मुमकिन नहीं है क्योंकि हमें मोबाइल के जरिए मीटिंग में शामिल होने के लिए कहा गया है। दिग्विजय सिंह ने कहा, मैं भी कमल नाथ की बात से सहमत हूं। बिना एजेंडे के मीटिंग बुलाई जाती है और कभी-कभी एजेंडा बहुत देर से मिलता है।

बता दें कि दिग्विजय सिंह मौजूदा वक्त में कांग्रेस राज्यसभा सांसद हैं। वे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। दिग्विजय सिंह अपने बेबाक बयानों को लेकर पहचाने जाते हैं और हमेशा सुर्खियों में रहते हैं।

जीतू पटवारी ने दिया जवाब

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, सभी सीनियर नेताओं की राय के बाद ही फैसले लिए जा रहे हैं। हो सकता है कि कुछ गलतफहमी हो गई हो। उन्होंने यह भी कहा, प्रवक्ताओं की नियुक्ति के संबंध में पिछले दिनों एक पत्र जारी किया गया था, लेकिन जब उन्हें बताया गया कि सीनियर नेता खुश नहीं हैं, तो सभी नियुक्तियां तत्काल रद्द कर दी गईं।

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