Advertisement

कैसे करें असली और नकली केसर (saffron) की पहचान

असली और नकली केसर
Share
Advertisement

केसर की पत्तियां जितनी खूबसूरत दिखने में होती हैं उससे ज्यादा वो हमारे शरीर के लिए लाभकर भी होती हैं। केसर भोजन का स्वाद और रंग के साथ-साथ शरीर में गर्मी बनाए रखने में मदद करता है। इसका इस्तेमाल कई सौंदर्य प्रसाधन की चीजों में भी होता है। कश्मीर में केसर की बंपर पैदावार होती है। इसका मूल्य लाखों रुपए किलो तक होता है। ऐसे में नकली केसर का भी चलन काफी होता है। दुकानदार ग्राहकों को मूर्ख बनाकर मोटा मुनाफा कमाते हैं। ऊंचे दाम चुकाने के बाद भी हम नकली केसर घर ले आते हैं। इसलिए असली और नकली केसर में कैसे फर्क करें ये जानना जरूरी है। आप इन तरीकों से असली और नकली केसर में भेद आसानी से कर सकेंगे।

Advertisement

स्वाद

दिखने में सुंदर केसर की पत्तियों की खुशबू काफी भीनी और मिठास से युक्त होती है। लेकिन दिलचस्प बात ये है कि अगर आप इसकी पत्तियों को अपनी जीभ पर रखेंगे तो ये कुछ कड़वी महसूस होगी। यही इसकी असली पहचान है। अगर आपको जीभ पर पत्तियां रखते ही मिठास अनुभव हो तो ये असली केसर नहीं है।

रंग

केसर अपने रंग के लिए भी जानी जाती है। इसका रंग बेहद आकर्षक होता है। जब आप इसे पानी में डालेंगे तो एक दम से इसका रंग नहीं जायेगा। असली केसर की पहचान  के लिए गुनगुने पानी में केसर की कुछ पत्तियां डाल दें। अगर इसका रंग चला जाए तो फिर वो असली केसर नहीं है।

घुलनशीलता

केसर की पत्तियां पानी में डालने पर कभी घुलती नहीं है। ये रंग जरूर छोड़ती हैं पर घुलती नही हैं। अगर केसर की पत्ती पानी में घुल रही है तो फिर वो असली केसर नहीं है।

सूखापन

केसर की तासीर गर्म होती है। इसकी पत्तियां हमेशा सूखी महसूस होती हैं। इसे पकड़कर खींचने पर इसके धागे टूट जाते हैं।गर्म जगह पर रखने से ये खराब भी हो जाता है। जबकि नकली केसर गर्म जगह पर रखने पर भी वैसा ही बना रहता है।

पानी में रंग

केसर को पानी में घोलने पर अगर वो केसरिया रंग छोड़ रही है तो फिर वो नकली केसर है। क्योंकि पानी में घोलने पर उसका रंग पीला हो जाता है। यही असली केसर की पहचान है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *