Water Crises in Delhi : आतिशी ने PM मोदी से की हस्तक्षेप की मांग, बोलीं… अन्यथा करना पड़ेगा सत्याग्रह
Letter regarding water Crises in Delhi: दिल्ली सरकार में जल मंत्री आतिशी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने दिल्ली हो रहे जल संकट का हवाला देते हुए इस संबंध में हस्तक्षेप करने की मांग की है. आतिशी ने आरोप लगाया है कि हरियाणा सरकार दिल्ली के लिए जरूरत के हिसाब से पानी नहीं दे रही है. वह 100 MGD पानी नहीं छोड़ रही है.
आतिशी का कहना है कि इससे 28 लाख दिल्ली वासियों के सामने जल संकट खड़ा हो गया है. उन्होंने पीएम मोदी को पत्र में लिखा कि वह इस समस्या में हस्तक्षेप कर समस्या का समाधान कराएं. आतिशी ने लिखा कि उनसे दिल्ली वालों की यह परेशानी देखी नहीं जाती. अगर समाधान नहीं हुआ तो वह 21 जून से सत्याग्रह और अनशन पर बैठेंगी.
आतिशी ने पत्र में लिखा, आदरणीय प्रधानमंत्री जी, देश के कई हिस्सों में इस बार भीषण गर्मी है। दिल्ली भी उनमें से एक है, जहाँ बर्दाश्त करने की क्षमता से भी कहीं ज्यादा गर्मी है। आपको मालूम ही होगा कि 29 मई को दिल्ली का तापमान 52.9 डिग्री सेल्सियस था, जो अभूतपूर्व था। कल का तापमान 47 डिग्री था। रात को 10 बजे भी तापमान 41 डिग्री था। दिल्ली में इतनी गर्मी पिछले 100 सालों में नहीं पड़ी। इतनी तपती हुई गर्मी में दिल्लीवालों की पानी की आवश्यकता बढ़ गई है। लेकिन जब दिल्लीवालों को ज्यादा मात्रा में पानी की जरूरत है, दिल्ली में पानी की कमी हो गई है। दिल्ली में पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है।
आखिर दिल्ली में पानी की कमी क्यों हो रही है? दिल्ली में कुल पानी की सप्लाई 1050 MGD है. इसमें से हरियाणा से 613 MGD पानी आता है। लेकिन पिछले 2 हफ्तों से हरियाणा से पानी आना बहुत कम हो गया है। 18 जून के आंकड़े देखें तो, मात्र 513 MGD पानी हरियाणा द्वारा दिल्ली में भेजा गया। यानि दिल्ली को 100 MGD पानी कम मिल रहा है। 1 MGD पानी से एक दिन में तकरीबन 28,500 लोगों को पानी मिलता है। 100 MGD पानी की कमी से 28 लाख लोगों को पानी नहीं मिल रहा है। यानि हरियाणा सरकार ने 28 लाख दिल्लीवालों का पानी रोक दिया है।
प्रधानमंत्री जीः आप ही बताइए, क्या 28 लाख दिल्लीवालों को प्यासा रखना सही है? जब दिल्ली में पानी की कमी हुई तो मैंने हरियाणा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा और उनसे अतिरिक्त पानी छोड़ने के लिए अनुरोध किया। पर हरियाणा सरकार ने पानी नहीं छोड़ा। मैंने हिमाचल प्रदेश के सामने हाथ जोड़े और दिल्ली के लिए पानी हेतु निवेदन किया। हिमाचल प्रदेश अपना अतिरिक्त पानी देने के लिए तैयार है, पर वो भी हरियाणा से होते हुए आना है। हरियाणा सरकार ने हिमाचल से आ रहा पानी देने से भी इनकार कर दिया। दिल्ली सरकार इन 28 लाख लोगों को पानी दिलवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट भी गई। सुप्रीम कोर्ट ने भी माना कि दिल्ली में पानी का संकट है, पर उसके बावजूद हरियाणा सरकार ने दिल्लीवालों को 100 MGD पानी नहीं दिया। हमारे विधायक केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्री से मिलने भी गए, परंतु वे मिले नहीं। दिल्ली सरकार के उच्च अधिकारी कल हरियाणा सरकार के अधिकारियों से मिलने चंडीगढ़ भी गए, पर फिर भी हरियाणा ने पानी नहीं दिया।
प्रधानमंत्री जी दिल्ली के लोग बहुत परेशान हैं. अब मुझसे यह परेशानी देखी नहीं जाती. मैंने हर संभव प्रयास कर लिया पर हरियाणा सरकार दिल्ली वालों को पानी देने को तैयार नहीं है. अब आपसे हाथ जोड़कर निवेदन कर रही हूं कि आप दिल्ली के 28 लाख लोगों को पानी दिलवाइए. दिल्ली के इतिहास में कभी इतना पानी संकट नहीं हुआ है. प्यासे को पानी पिलाने से बड़ा पुण्य कुछ भी नहीं है लेकिन हरियाणा सरकार ने 28 लाख दिल्ली वालों को पानी के लिए तरसा दिया है.
मुझे पता है कि हरियाणा के लोग भी भीषण गर्मी से परेशान हैं. उन्हें भी पानी जरूरत होगी. हरियाणा की आबादी तीन करोड़ है और उन्हें 6500 MGD पानी मिलता है और दिल्ली की आबादी भी 3 करोड़ है. हमें 1050 MGD पानी मिलता है. हरियाणा सरकार दिल्ली वालों को अगर 100 MGD दे भी दे तो वो उनके पानी का सिर्फ 1.5 प्रतिशत होगा.
मेरे हर संभव प्रयास के बाद भी हरियाणा सरकार दिल्ली वालों को 100 MGD पानी नहीं दे रही है. अब बूंद-बूंद पानी के लिए तड़पते दिल्ली के लोगों की पीड़ा मुझसे देखी नहीं जाती. मेरी हाथ जोड़कर आपसे विनती है कि इस मामले में हस्तक्षेप करें और हरियाणा सरकार से दिल्ली वालों को उनके हक का पानी दिलवाएं.
पानी न मिलने की स्थिति में 21 जून से मुझे पानी के लिए सत्याग्रह करना पड़ेगा और अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठना पड़ेगा. मेरे शरीर को चाहें जितना भी कष्ट हो पर अब दिल्ली वालों के कष्ट को मैं सहन नहीं कर सकती.
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