कांग्रेस के लिए संकटमोचन बने कमलनाथ, पार्टी बचाने के लिए पहुंचे दिल्ली से राजस्थान

राजस्थान में कांग्रेस के सियासी संकट में नया पेंच आ गया है। आलाकमान की तरफ से पर्यवेक्षक के तौर पर गए अजय माकन ने कहा है कि 19 अक्टूबर के बाद ही राजस्थान के नए सीएम का एलान होगा। माकन ने कहा कि अभी साफ़ नहीं है कि कितने विधायकों ने अभी तक इस्तीफा दिया है।
बता दें कि गहलोत गुट के विधायकों ने आलाकमान के सामने तीन शर्तें रखी थी। जिसमें सबसे बड़ी यह है कि सचिन पायलट को सत्ता ना सौंपी जाए, इसमें गहलोत के वफादारों में से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की मांग भी शामिल है। गहलोत खेमे के विधायकों ने माकन और खड़गे सहित पार्टी आलाकमान के दूतों को अवगत करा दिया है कि राजस्थान में संभावित नेतृत्व परिवर्तन पर विचार कांग्रेस के नए अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद होना चाहिए। तीसरी शर्त ये है कि अशोक गहलोत के फैसले को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
वहीं अब कांग्रेस के इस सियासी बवाल के बीच कमलनाथ भी कूद गए हैं। आलाकमान ने कमलनाथ को दिल्ली बुलाया है अब कमलनाथ को जिम्मेदारी दी गई है कि अशोक गहलोत के गुट और सचिन पायलट के गुट के बीच मध्यस्थता कराएंगे। राजस्थान में सियासी ड्रामा लगातार तेज हो रहा है।अशोक गहलोत के विधायक और मंत्रियों ने मोर्चाबंदी कर रखा है। इसी बीचगहलोत गुट की MLA इंदिरा मीणा से खास बात की। गहलोत गुट की MLA इंदिरा मीणा ने बताया कि जब वे बैठक में गई तो उनसे कोई कागज पर साइन कराए गए, लेकिन हमें नहीं पता कि वो कागज किस चीज के थे। इंदिरा मीणा ने कहा है कि अगर सचिन पायलट अग राजस्थान के सीएम बनें तो अच्छा रहेगा।