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J&K Target Killing: आंखें खोलो सरकार…तीन महीने पहले ‘द कश्मीर फाइल्स’  अब घाटी में हकीकत

देश में तीन महीने पहले ही रिलीज हुई फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ The Kashmir Files में कश्मीरी पंडितों का दुख-दर्द दिखाया गया था. इस फिल्म में 32 साल पहले हुई घाटी में दर्दनाक घटना को दिखाया गया था. लेकिन अब वो दर्दनाक घटना फिल्म में ही नहीं हकीकत में देखी जा रही है. घाटी से 32 साल बाद कश्मीरी पंडितों Kashmiri Pandit ने पलायन करना शुरू कर दिया है. घाटी में टारगेट किलिंग Target Killing  की घटना लगातार बढ़ रही है. अब तक घाटी से 80 प्रतिशत कश्मीरी हिंदुओं ने कश्मीर Kashmir छोड़कर जम्मू Jammu पलायन किया है.

घाटी में 5900 हिन्दू कर्मचारी

जानकारी के लिए बता दे कि, घाटी में प्रधानमंत्री पैकेज और अनुसूचित जाति जैसी श्रेणियों में करीब 5,900 हिंदू कर्मचारी हैं. इनमें 1,100 ट्रांजिट कैंपों के आवास में, जबकि 4,700 निजी आवासों में रह रहे हैं. पाबंदियों के बावजूद निजी आवास और कैंप में रहने वाले 80 फीसदी कर्मचारी कश्मीर छोड़कर जम्मू पहुंच गए हैं. बताया जा रहा है कि अनंतनाग, बारामूला, श्रीनगर के कैंप के कई परिवार ऐसे भी हैं जो पुलिस-प्रशासन के पहरे के कारण नहीं निकल पा रहे हैं.

पुलिस अधिकारी कर रहे कैंपों का नियमित दौरा

वहीं, घाटी नें पुलिस अधिकारी कैंपों का नियमित दौरा कर रहे हैं, जिससे पंडितों को पलायन से रोका जा सके. कश्मीरी पंडितों का कहना है कि हम डिप्रेशन में हैं. एक कर्मचारी ने कहा,  हम यहां 12 साल पहले आए थे, तब खुद को सरकार का ऐंबैस्डर मानते थे, लेकिन हमें स्वीकार नहीं किया गया. हम फिर वापस नहीं लौटना चाहते थे. भरोसा दिलाकर हमें घाटी बुलाया गया. टारगेट किलिंग में अब तक मई महीने में 10 से ज्यादा कर्मचारियों की हत्या हो चुकी है. जिसके बाद घाटी में हिन्दू दहशत के माहौल में रह रहे हैं और मौका मिलते ही पलायन कर रहे हैं.

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