
आज 10 अप्रैल को राम नवमी मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म में राम नवमी का एक अलग महत्व है। इस दिन अधिकांश लोग व्रत रख कर भगवान श्रीराम की पूजा अर्चना करते हैं। धार्मिक मान्यताएं हैं कि त्रेतायुग में पृथ्वीलोक में रावण समेत कई दुराचारी रक्षसों ने आतंक मचाया हुआ था, जिसकी वजह से धर्म की हानि हो रही थी। धरती को ऐसे पापियों से मुक्त करने के लिए भगवान विष्णु ने श्रीराम के रूप में अवतार लिया था।
यह पर्व भारत में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। राम नवमी का त्योहार के दिन है नवरात्र का समापन होता है। शास्त्रों के अनुसार, भागवान राम ने लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए मां दुर्गा की उपासना की थी। इसी दिन अयोध्या में चैत्र राम मेले का भव्य आयोजन भी किया जाता है।
क्यों मानते है राम नवमी को शुभ
त्रेतायुग में चैत्र मास की शुक्लपक्ष की नवमी तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र तथा कर्क लग्न में माता कौशल्या की कोख से पुरूषोत्त भगवान राम का जन्म हुआ था। इसी लिए आज भी भारतीय जीवन में दिन अति शुभ व पुण्य पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व का संबंध राम से होने के कारण इस दिन को अत्यन्त शुभ माना जाता है।
रामचरित मानस का पाठ करना शुभ
इस दिन भगवान राम की विधि विधान से पूजा की जाती है। इस दिन हजारों लोग अयोध्या पहुंचकर पुण्य सलिला सरयू नदी में स्नान कर पुण्यार्जन करते हैं। स्नान करने के बाद भक्तजन भगवान राम को याद करते हुए भजन-पूजन करते हैं। घरों और मंदिरों में रामचरित मानस का पाठ करते हैं।
रामनवमी के दिन असंख्य लोग रामनाम का स्मरण करते हुए व्रत रखते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत के रखने से उपवास की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और उसे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस पर्व का संबंध राम से होने के कारण इस दिन को अत्यन्त शुभ माना जाता है।
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