Advertisement

तालिबान के साथ चर्चा का मतलब उसे मान्यता देना नहीं- अमेरिका

Joe Biden

Joe Biden

Share
Advertisement

वॉशिंगटन: अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद पहली दफ़ा बातचीत की है। जिसपर अमेरिका ने ज़ोर देकर कहा है कि तालिबान के साथ शुरू हो रही उच्चस्तरीय वार्ता का मतलब कतई ये नहीं है कि अमेरिका तालिबान की सरकार को मान्यता देने वाला है।

Advertisement

तालिबान ने लगभग दो महीने पहले 15 अगस्त को अफ़ग़ानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया था। उसके बाद शनिवार को पहली बार अमेरिका और तालिबान के बीच क़तर की राजधानी दोहा में वार्ता जारी है।

अमेरिका के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अमेरिका तालिबान के संपर्क में है और ये वार्ता उसी सिलसिले में हो रही है।

मंत्रालय का कहना है कि कई मुद्दों पर चर्चा के अलावा अफ़ग़ानिस्तान में मौजूद अमेरिकी नागरिकों के साथ देश से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे अन्य अफ़ग़ान नागरिकों को सुरक्षा देने के मुद्दे पर तालिबान के साथ वार्ता होगी।

अमेरिकी नेतृत्व वाले सैन्यबलों के अफ़ग़ानिस्तान छोड़ने के बाद से देश के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद एक तरह से सीमित हो गई है। देश भीषण आर्थिक और मानवीय संकट से जूझ रहा है।

लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने ज़ोर देकर कहा है कि इस वार्ता का बिल्कुल ये मतलब नहीं है कि अमेरिका ने तालिबानी शासन को स्वीकार कर लिया है।

अमेरिका के अफ़ग़ानिस्तान छोड़ने के बाद से 1 लाख 24 हज़ार से अधिक लोगों को अफ़ग़ानिस्तान से सुरक्षित बाहर निकाला गया है, लेकिन अभी भी हज़ारों लोग ऐसे हैं जो वहां से बाहर जाना चाहते हैं।

वार्ता से पहले अमेरिका ने ये भी कहा है कि वो तालिबान पर समावेशी सरकार बनाने के साथ-साथ महिलाओं और अल्पसंख्यकों को सरकार में शामिल करने का दबाव बनाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अन्य खबरें