हीटवेव को लेकर IMD का बड़ा अपडेट, अगले तीन महीने पड़ेगी शरीर को झुलसाने वाली गर्मी

हीटवेव को लेकर IMD का बड़ा अपडेट, अगले तीन महीने पड़ेगी शरीर को झुलसाने वाली गर्मी
IMD Weather Update : भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने सोमवार (31 मार्च, 2025) को बताया कि भारत में अप्रैल से जून तक तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है और मध्य एवं पूर्वी भारत के साथ-साथ उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों में अधिक दिन लू चल सकती है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि इस साल देश के ज्यादातर हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। हालांकि, पश्चिमी और पूर्वी भारत के कुछ इलाकों में तापमान सामान्य रहने की संभावना है। अप्रैल से जून के बीच उत्तर और पूर्वी भारत, मध्य भारत और उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में लू के सामान्य से दो से चार दिन अधिक चलने की आशंका जताई गई है। आमतौर पर इस अवधि में चार से सात दिन तक लू चलती है, लेकिन इस साल यह और लंबी हो सकती है।
सामान्य से अधिक तापमान रहने की संभावना
देश के अधिकांश इलाकों में न्यूनतम तापमान भी सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। हालांकि, उत्तर-पश्चिम और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में यह सामान्य या सामान्य से थोड़ा कम रह सकता है। IMD के एक अधिकारी ने पहले यह भी कहा था कि उत्तर-पश्चिम भारत में इस बार लू के दिनों की संख्या दोगुनी हो सकती है। आमतौर पर इस क्षेत्र में गर्मियों के दौरान पांच से छह दिन तक लू चलती है, लेकिन इस बार यह आंकड़ा और अधिक हो सकता है।
इन राज्यों में चलेगी लू
IMD के अनुसार, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु के उत्तरी हिस्सों में इस बार सामान्य से अधिक दिनों तक लू चलने की संभावना है।
अप्रैल में रह सकता है सामान्य से अधिक तापमान
अप्रैल के दौरान भारत के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है। हालांकि, दक्षिणी और उत्तर-पश्चिमी भारत के कुछ इलाकों में तापमान सामान्य रहने की संभावना है। देश के कई हिस्सों में बढ़ती गर्मी के कारण बिजली की मांग में भी इजाफा हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इस साल गर्मियों में बिजली की मांग 9 से 10 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। पिछले साल 30 मई को देशभर में बिजली की अधिकतम मांग 250 गीगावाट को पार कर गई थी, जो पूर्वानुमानों से 6.3 प्रतिशत अधिक थी। जलवायु परिवर्तन और लगातार बढ़ती गर्मी, बिजली की खपत में वृद्धि के प्रमुख कारणों में से एक हैं।
गर्मी के असर को कम करने के लिए सरकार और आम जनता को पहले से सतर्क रहने की जरूरत है। पानी की बचत, बिजली की खपत को नियंत्रित करना और लू से बचाव के उपाय अपनाना बेहद जरूरी होगा।
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