हरितालिका तीज कल : पति की लंबी आयु के लिए सुहागिनें रखेंगी व्रत, कुंवारी कन्याएं करें यह उपाय, मिलेगा मन चाहा वर
Hartalika Teej : हिंदू मान्यता के अनुसार हिंदुओं का एक पवित्र त्योहार हरितालिका तीज कल यानि शुक्रवार छह सिंतबर 2024 को है. इस दिन सुहागिन महिलाएं जहां अपने पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं तो वहीं कुवांरी कन्याएं मनचाहा वर पाने और विवाह के लिए व्रत रखती हैं.
महिलाएं रखतीं हैं निर्जला व्रत
हरतालिका तीज का हिन्दू मान्यता के अनुसार अपना विशेष महत्व है. इस त्योहार पर सुहागिन महिलाएं अपने पति के लिए और कुंवारी कन्याएं मन चाहे वर के लिए निर्जल व्रत रखती हैं. इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर हाथों में मेहंदी रचाती हैं.
भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा
इस त्योहार पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. भक्त पूरी आस्था से शिव-पार्वती का पूजन करते हैं. मान्यता है कि इस पर्व को मनाने से मानसिक शांति और घर में सुख समृद्धि बनी रहती है. पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 5 सितंबर दिन गुरुवार को दोपहर 12:21 बजे से प्रारंभ होगी. यह तिथि शुक्रवार, छह सितंबर को दोपहर 3:01 बजे समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार यह त्योहार छह सितंबर को मनाया जाएगा.
कैसे करें पूजा
हरितालिका तीज के दिन प्रात उठकर स्नान करें. फिर एक साफ चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर माता पार्वती और भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करें. इसके बाद विधि विधान से पूजन करें. शिव जी को चंदन और माता पार्वती को रोरी से तिलक लगाएं. पूजन के आवश्यक सामग्री बेलपत्र, धूप, दीपक, मिष्ठान आदि का प्रबंध करें. मनोकामना पूर्ण करने के लिए सच्चे मन से पूजा करें फिर माता पार्वती और भगवान शिव की आरती करें. इसके बाद उन्हें भोग लगाएं. फिर उस भोग को प्रसाद के रूप में वितरित कर दें. नियमानुसार व्रत का पारण करें.
क्या है मान्यता
इस त्योहार को मनाने के पीछे मान्यता है कि माता पार्वती ने अपने पिता की इच्छा के विरुद्ध भगवान शिव को पति के रूप में पाने की कामना की थी. उन्होंने अपनी सखियों के साथ मिलकर गुप्त रूप से शिवलिंग की स्थापना की और इसका पूजन भी किया. इसी के बाद से यह त्योहार मनाया जाने लगा. सुहागिन महिलाओं के लिए यह त्योहार सुख-समृद्धि का भी प्रतीक है.
करें यह उपाय
मान्यता है कि यदि विवाह में बाधाएं आ रही हों तो कुंवारी कन्याएं भगवान शिव को 21 बेल पत्र अर्पित कर उनकी 11 बार परिक्रमा कर सच्चे मन से मनोकामना करें तो विवाह में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं.
वहीं यदि ग्रह-नक्षत्र की स्थिति ऐसी हो कि विवाह न हो रहा हो तो लड़कियां पूजन के समय माता पार्वती को 11 हल्दी की गांठ और भगवान शिव को स्वेत वस्त्र अर्पित करें इससे विवाह की रूकावट दूर होती है. यदि कन्याएं मनचाहे वर को पाना चाहती हैं तो व भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा के आगे के आगे 11 घी के दीपक जलाएं और उनकी इन्हीं दीपकों से आरती करें.
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