Political Sign नहीं है तो किया जा सकता है Govt Scheme का प्रचार

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Govt Scheme: दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को टिप्पणी करते हुए कहा अगर सरकार को अपनी योजनाओं का प्रचार में कोई राजनीतिक प्रतीक चिन्ह शामिल नहीं है तो सरकार को अपनी योजनाओं को बढ़ावा देने में कोई समस्या नहीं हो सकती है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने टिप्पणी की कि प्रधानमंत्री भी एक निर्वाचित व्यक्ति हैं जो संवैधानिक पद पर हैं। कोर्ट ने कहा, वह(पीएम नरेंद्र मोदी) किसी के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हो सकते हैं, लेकिन अगर जनता के पैसे का इस्तेमाल लोगों को सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक करने के लिए किया जा रहा है, तो कोई शिकायत नहीं हो सकती।

Govt Scheme: प्रचार के खिलाफ दायर की गई थी याचिका

बेंच ने टिप्पणी की, “अगर वहां कोई राजनीतिक चिन्ह नहीं है, कोई राजनीतिक व्यक्ति या राजनीतिक दल नहीं है, तो आपको उससे कोई शिकायत नहीं हो सकती’’। यह टिप्पणी सरकार की योजनाओं को बढ़ाने के अभियान, विकसित भारत संकल्प यात्रा के उद्देश्य के लिए सार्वजनिक संसाधनों और सिविल सेवकों के उपयोग के खिलाफ एक जनहित याचिका (पीआईएल) में की गई थी।

Govt Scheme: राजनीतिक फायदा उठाने का आरोप

याचिकाकर्ताओं ने रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी आदेश को भी चुनौती दी है, जिसमें सेना, नौसेना और वायु सेना को तस्वीरों के साथ सेल्फी पॉइंट स्थापित करने का निर्देश दिया गया है। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंत्रालय की उपलब्धियों का प्रदर्शन करते हुए दिखाने की बात है। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील ने आज पीठ को बताया कि इन प्लेटफार्मों का इस्तेमाल केवल सरकार की योजनाओं का प्रचार करने के लिए नहीं किया जा रहा है, बल्कि राजनीतिक नेता भाषण दे रहे हैं और राम मंदिर, गुजरात दंगे, अनुच्छेद 370 को निरस्त करने आदि जैसे मुद्दों का जिक्र कर रहे हैं।

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