Firing on Trump: क्या खुद पर हमला करवा कर चुनावी फायदे की साजिश रची? जानिए, तीन तर्क जो इस दावे को खारिज करते हैं

Firing on Trump: क्या खुद पर हमला करवा कर चुनावी फायदे की साजिश रची? जानिए, तीन तर्क जो इस दावे को खारिज करते हैं

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Firing on Trump: 13 जुलाई को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर एक चुनावी रैली के दौरान गोलीबारी हुई। 20 वर्षीय हमलावर ने 400 फीट की दूरी से 8 राउंड फायर किए, जिनमें से एक गोली ट्रम्प के दाहिने कान को चीरते हुए निकल गई। हालांकि, पूर्व राष्ट्रपति ने अपने समर्थकों के सामने मजबूत बने रहने का प्रदर्शन किया। मौके पर ही सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स ने हमलावर को मार गिराया।

इस घटना ने अमेरिका के राजनीतिक परिदृश्य में हलचल मचा दी है। एक तरफ ट्रम्प की पार्टी ने इस हमले के लिए राष्ट्रपति जो बाइडेन और डेमोक्रेट्स पर आरोप लगाए हैं। दूसरी ओर, सोशल मीडिया पर कुछ लोगों का दावा है कि यह हमला खुद ट्रम्प ने सहानुभूति प्राप्त करने के लिए करवाया है। हालांकि, इस दावे के खिलाफ तीन प्रमुख तर्क प्रस्तुत किए गए हैं:

Firing on Trump: पहला तर्क- हमले का तरीका

डोनाल्ड ट्रम्प पर हमले के लिए असॉल्ट राइफल AR 15 का उपयोग किया गया। हमलावर ने पहली बार में 3 राउंड फायर किए, जिनमें से एक गोली ट्रम्प के कान को छूते हुए निकल गई। इसके बाद, दूसरी बार में 5 राउंड फायर किए गए। ट्रम्प की सुरक्षा में तैनात सीक्रेट सर्विस के जवानों ने उन्हें तुरंत कवर किया और हमलावर को मार गिराया।

यदि ट्रम्प को सहानुभूति के लिए गोली मरवानी होती, तो वे असॉल्ट राइफल की बजाय सटीक निशाने पर लगने वाली स्नाइपर गन का उपयोग करवाते। असॉल्ट राइफल की एक्यूरेसी कम होती है, और फायरिंग के दौरान इसमें काफी मूवमेंट होता है, जिससे सटीक निशाना लगाना मुश्किल होता है। इस तरह, ट्रम्प इतने बड़े खतरे का सामना नहीं करेंगे कि खुद पर असॉल्ट राइफल से हमला करवाएं।

दूसरा तर्क: चुनाव जीतने के लिए सहानुभूति की आवश्यकता नहीं

कुछ लोगों का मानना है कि ट्रम्प ने चुनावी सहानुभूति के लिए यह हमला करवाया है। हालांकि, ट्रम्प को इसके लिए सहानुभूति की आवश्यकता नहीं है। पिछले महीने ट्रम्प और बाइडेन के बीच हुई डिबेट में 67% लोगों ने ट्रम्प को विजेता माना था। सीएनएन के एक पोल के अनुसार, 49% लोग ट्रम्प को अगले राष्ट्रपति के रूप में देखना चाहते हैं, जबकि बाइडेन सिर्फ 43% की पसंद हैं। बाइडेन की अप्रूवल रेटिंग भी ट्रम्प से पीछे है। इसलिए, ट्रम्प को सहानुभूति के लिए खुद पर हमला करवाने की जरूरत नहीं है।

तीसरा तर्क: सिक्योरिटी का जिम्मा सीक्रेट सर्विस के पास

डोनाल्ड ट्रम्प अपनी सुरक्षा को चकमा देकर खुद पर हमला नहीं करवा सकते हैं। उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सीक्रेट सर्विस के पास होती है, जो किसी भी दौरे से पहले उस जगह का मुआयना करते हैं और सुरक्षा प्लान तैयार करते हैं। ट्रम्प या उनके किसी साथी के लिए अपनी ही सुरक्षा को भेद पाना आसान नहीं होता। सीक्रेट सर्विस के अलावा FBI और स्थानीय पुलिस भी पूर्व राष्ट्रपतियों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होती हैं।

FBI ने अपने बयान में कहा कि ट्रम्प की हत्या की साजिश रची गई थी और ट्रम्प के खुद पर हमला करवाने की बात गलत है। हालांकि, एजेंसियां अभी भी जांच में जुटी हैं और हकीकत पूरी तहकीकात के बाद ही सामने आ पाएगी।

इस घटना ने अमेरिकी राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। चुनावी माहौल के बीच, इस पर चल रही बहसें और जांचें आगे क्या रूप लेती हैं, यह देखने वाली बात होगी।

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