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Vivek Agnihotri ने क्यों मांगी HC जस्टिस से माफी, जानें पूरा मामला

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Vivek Agnihotri को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने विवेक अग्निहोत्री के खिलाफ चल रहे एक मामले में बंद कर दिया है। अदालत ने फिल्मकार के माफी मांगने के बाद यह फैसला सुनाया है। हालांकि हाईकोर्ट की तरह से अग्निहोत्री को भविष्य के लिए चेतावनी भी दी गई है। यह पूरा मामला 2018 का है, जिसमें विवेक अग्निहोत्री ने कथित तौर पर दिल्ली HC के तत्कालीन जज जस्टिस मुरलीधर के खिलाफ टिप्पणी की थी।

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6 मार्च को पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने विवेक अग्निहोत्री को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अग्निहोत्री अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक अवमानना ​​मामले में सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में पेश हुए, जहां उन्होंने अपनी टिप्पणी को लेकर जस्टिस से माफी मांगी। हाईकोर्ट ने अग्निहोत्री की माफी को स्वीकार करते हुए उनके खिलाफ अवमानना के मामले को बंद कर दिया।

अदालत ने दी अग्निहोत्री को चेतावनी

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति विकास महाजन की पीठ ने अग्निहोत्री की पेशी पर ध्यान दिया। हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि उन्होंने (विवेक अग्निहोत्री) बिना शर्त माफी मांगी है और अपना पश्चाताप व्यक्त किया है। पीठ ने आगे कहा कि वह ट्विटर पर अपने कथित आपत्तिजनक बयान के लिए बिना शर्त माफी मांगते हैं। इसलिए उन्हें छोड़ दिया जाता है। हालांकि कोर्ट ने भविष्य में और सावधानी बरतने की भी चेतावनी दी।

अग्निहोत्री ने जस्टिस मुरलीधर पर की थी टिप्पणी

बताते चलें कि दिसंबर 2018 में विवेक अग्निहोत्री ने जस्टिस मुरलीधर पर भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में एक्टिविस्ट गौतम नवलखा को पक्षपात करके राहत देने का आरोप लगाया था। अग्निहोत्री ने इसको लेकर ट्विटर पर पोस्ट किया। हालांकि विवाद के बाद अग्निहोत्री ने अपने इन ट्वीट्स को हटा दिया था। पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए अदालत में अवमानना का मामला शुरू हुआ था। फिलहाल अदालत ने अग्निहोत्री की माफी के बाद मामले को बंद कर दिया है।

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