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‘द कश्मीर फाइल्स’ के बाद अब दिखेगी केरल की कहानी, 10 साल में 32 हजार लड़कियां गायब, कोई सीरिया तो कोई अफगानिस्तान की जेलों में बंद है

हाल ही रिलीज हुई फिल्म द कश्मीर फाइल्स ने कश्मीर में हिंदुओं पर हुए अत्याचार और पलायन पर विस्तार से रखने की कोशिश की है। अब खबर है कि पिछले 10 सालों में केरल से 32000 लड़कियों के गायब होने और उसके पीछे आतंकवादी संगठन ISIS का हाथ होने की कहानी दिखाई जाएगी।

यह स्टोरी आपको झकझोर सकती है। यह एक ऐसी सच्चाई से दिखे अब आपको देखने की जरूरत है। फिल्म का नाम द केरल स्टोरी रखा गया है। इस पिल्म को सुदीप्तो सेन डायरेक्ट करने वाले हैं। फिल्म में ह्यूमन ट्रैफिकिंग, ISIS द्वारा लड़कियों को उठाना, उनसे अपने लड़ाकों की शादी कराना, धर्म परिवर्तन जैसे मुद्दे पर फोकस किया गया है।

लड़कियों की तस्करी और अवैध व्यापार की कहानी

फिल्म मेकर्स की तरफ से फिल्म के जरिए हजारों लड़कियों की तस्करी और अवैध व्यापार के बार में बताने की कोशिश की गई है। टीजर के मुताबिक, अभी तक केरल से 32 हजार से अधिक लड़कियों और महिलाओं का अपहरण हुआ है। यहीं से केरल को इस्लामिक राज्य में बदलने के लिए अभियान शुरू किया जाता है।

केरल में इस तरह की घटनाएं एक दशक से भी ज्यादा समय से हो रही है। मेकर्स के द्वारा इसपर लंबे समय से रिसर्च की गई है।

अंदर से झकझोर देगी आपको

फिल्म को लेकर प्रोड्यूसर विपुल अमृतलाल शाह ने कहा, “यह कहानी एक ह्यूमन ट्रेजडी है, जो आपको अंदर तक झकझोर देगी। जब सुदीप्तो ने आकर मुझे 3-4 साल से ज्यादा के अपने रिसर्च के साथ इसे सुनाया, तो मैं पहली बार में रो पड़ा। उसी दिन मैंने इस फिल्म को बनाने का फैसला किया। मुझे खुशी है कि अब हम फिल्म के साथ आगे बढ़ रहे हैं और हम घटनाओं की एक बहुत ही वास्तविक, निष्पक्ष और सच्ची कहानी बनाने की उम्मीद करते हैं।”

राइटर डायरेक्टर सुदीप्तो सेन ने कहा कि एक जांच के अनुसार 2009 से केरल और मैंगलोर की लगभग 32,000 लड़कियों को हिंदू और ईसाई समुदायों से इस्लाम में परिवर्तित किया गया है। बताया जाता है कि उनमें से ज्यादातर सीरिया, अफगानिस्तान और अन्य आईएसआईएस और हक्कानी प्रभावशाली क्षेत्र में पहुंचाई गई हैं।

उन्होंने कहा कि इस पर अपने रिसर्च और पूरे क्षेत्र की यात्रा के दौरान, हमने भागी हुई लड़कियों की मांओं के आंसू देखे हैं। हमने उनमें से कुछ को अफगानिस्तान और सीरिया की जेलों में पाया। ज्यादातर लड़कियों की शादी ISIS के खूंखार आतंकियों से हुई थी और उनके बच्चे भी हैं। यह महत्वपूर्ण फिल्म उन सभी मांओं के रोने की आवाज सुनने की कोशिश कर रही है, जिन्होंने अपनी बेटियों को खो दिया है।

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