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Shivling Sthapna Niyam: घर में करना चाहते हैं शिवलिंग स्थापित, तो इन बातों का रखें ख्याल

Shivling Sthapna Niyam
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Shivling Sthapna Niyam: शिवलिंग यानी शिव का स्वरूप. शिवलिंग को साक्षात भगवान शिव कहा जाता है. सावन मास में शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व है. लोग अपने आसपास के मंदिरों में जाकर शिवलिंग की विधि-विधान से पूजा करते हैं. अगर आप शिवलिंग को घर में स्थापित करना चाहते है तो सावन का महीना सर्वश्रेष्ठ है. लेकिन शिवलिंग को स्थापित करने समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होता है. घर या मंदिर में शिवलिंग को स्थापित करने के कुछ नियम भी होते हैं.

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शिवलिंग स्थापना के नियम

शिवजी की आराधना में शिवलिंग की पूजा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. शास्त्रों के अनुसार घर और मंदिर दोनों में शिवलिंग स्थापित करने के अलग-अलग नियम होते हैं. हमेशा शिवलिंग की वेदी का मुख उत्तर दिशा की तरफ ही होना चाहिए. घर में स्थापित शिवलिंग की लंबाई 6 इंच होना चाहिए, जबकि मंदिर में कितना भी बड़ा शिवलिंग स्थापित कर सकते हैं.

शिवलिंग की वेदी का मुख उत्तर दिशा की तरफ

शिवलिंग की पूजा में बेलपत्र और जल मुख्य है और इसका विशेष महत्व है. इसके अलावा दूध, दही, शहद, गन्ने का रस, चंदन से भी अभिषेक किया जा सकता है. लेकिन शिवलिंग पर भूलकर भी सेमल, जूही, कदंब और केतकी के फूल अर्पित ना करें और लाल रंग के फूल भी नहीं चढ़ाए. शिवजी को केवल सफेद रंग के फूल चढ़ाने चाहिए.

ऊं नम: शिवाय मंत्र का जरूर करें उच्चारण

शिवलिंग पर हमेशा जलीय पदार्थ यानी जल, दूध या गंगाजल को धारा बनाकर अर्पित करना चाहिए. लेकिन कभी भी भूलकर भगवान शिव को शंख या शंख के जल अर्पित नहीं करें. वहीं, ठोस पदार्थों जैसे फूल को दोनों हाथों से अर्पित करना चाहिए. शिवलिंग पर कुछ भी अर्पित करते समय ऊं नम: शिवाय मंत्र का जरूर उच्चारण करें.

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