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विवाह पंचमी पर हुई थी प्रभु राम और माता सीता की शादी, फिर इस दिन विवाह करना क्यों माना जाता है अशुभ

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28 नवंबर को विवाह पंचमी मनाई जाएगी । विवाह पंचमी पर भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था । विवाह पंचमी पर मर्यादा पुरुषोतम श्रीराम का विवाह हुआ था । फिर भी इस दिन आम लोगों का विवाह नहीं होता है ।

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विवाह पंचमी के दिन विवाह और मांगलिक कार्य संपन्न नहीं होते है । इन सबके पीछे बहुत बड़ा कारण है । आइए बताते है कि विवाह पर शुभ कार्य और विवाह क्यों नहीं होते है ।

सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान श्री राम का विवाह माता सीता से हुआ था। भले ही भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम का दर्जा प्राप्त है, लेकिन उनसे विवाह के बाद सीता को अपने जीवन में बड़े दुखों का सामना करना पड़ा था ।

राजा जनक के महल में पली-बढ़ी सीता को राम से विवाह के बाद जीवन में घोर समस्याओं का सामना करना पड़ा था । उन्हें राम जी के साथ 14 साल का वनवास काटना पड़ा ।  वनवास के दौरान ही लंकापति रावण ने उनका अपहरण कर लिया ।यहां भी माता सीता को दुखों-कष्टों का सामना करना पड़ा ।

कुल मिलाकर सीता ने वैवाहिक जीवन में बहुत कम खुशियां देखी थीं. यही कारण है कि इस दिन लोग अपनी बेटियों का विवाह कराने से कतराते हैं । ऐसा कहा जाता है कि जैसे सीता माता ने कष्ट भोगा वैसे ही दूसरी बेटियों के साथ ना हो

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