मेट्रो रेल प्रोजेक्ट-भोपाल-इंदौर में इसी महीने आएंगे डेमो कोच

शहर में मेट्रो ट्रेन के ट्रायल रन को लेकर तैयारियां जोरो पर है। तेजी के साथ काम हो रहा है। 5.9 किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर पर तीन महीने बाद ट्रायल रन होगा। अगस्त-सितंबर में ट्रायल रन की समय सीमा तय की गई है। कॉरिडोर पर तीन कोच की ट्रेन चलाई जाएगी। कुल 25 ट्रेन इंदौर आएगी। प्रत्येक ट्रेन 3 कोच की रहेगी। 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलेगी। यात्री ट्रेन के पहले इस पर तीन से चार माह तक ट्रायल ट्रेन चलाई जाएगी। मेट्रो रेल प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि मेट्रों में बैठकर यात्री 2024 में ही सफर कर पाएंगे।
फिलहाल ट्रायल के मद्देनजर डिपो को तैयार किया जा रहा है। इसी महीने भोपाल में डेमो के लिए एक कोच पहुंचेगा जिसे मोकअप कोच कहते हैं। इसे एक जगह पर रखा जाएगा। ये लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से लाया जाएगा। इंदौर भी एक मोकअप कोच आएगा, इसे लेकर अधिकारी फिलहाल साफ तौर पर कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है। मोकअप कोच में असली कोच की तरह कुर्सियां, हत्थे, स्क्रीन आदि लगी होगी। इसका फर्श, रंग, आकार एकदम असली कोच जैसा ही होगा।
मेट्रो ट्रेन के ट्रायल के पहले गांधी नगर में 75 एकड़ के डिपो का काम हर हाल में पूरा करना है। ऐसे में डिपो में मेट्रो को यार्ड तक ले जाने के लिए पटरी बिछाने का काम तेजी से चल रहा है। स्लीपर्स पर पटरी बिछाने और जोड़ने का भी काम जारी है। ट्रैक भी नजर आने लगा है। डिपो में ही रात को सभी ट्रेन खड़ी होगी। उनका मेंटेनेंस का काम भी यहीं पर होगा।
गांधी नगर मेट्रो स्टेशन से ट्रेन डिपो तक पहुंचेगी। पांच किलोमीटर के ट्रायल रूट पर 5 मेट्रो स्टेशन रहेंगे। इंदौर और भोपाल दोनों मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए पटरियों की आपूर्ति रायपुर छत्तीसगढ़ से हो रही है। कोलकाता की कंपनी डिपो के अलावा पूरे 31.5 किलोमीटर के हिस्से में पटरी बिछाएगी। वहीं कोच का निर्माण गुजरात में हो रहा है। वड़ोदरा में एल्सटॉम कंपनी ने कोच बनाना शुरू कर दिया है। इंदौर में मेट्रो प्रोजेक्ट 31.5 किलोमीटर का है। पहले चरण में 17.5 किलोमीटर का काम चल रहा है, जो सुपर कॉरिडोर से लेकर रोबोट चौराहे तक का है। जबकि दूसरे चरण के पहले पांच किलोमीटर के लिए हाल ही में टेंडर जारी हुए हैं। यह काम 495 करोड़ रुपये में होगा।