देश से भागे तो क्या हुआ? लोन वसूली से बच नहीं पाएंगे – वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

Delhi :

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

Share

Delhi : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष के उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया, जिनमें दावा किया गया था कि भारतीय बैंकों से करोड़ों रुपये का कर्ज लेकर विदेश भागने वाले लोगों का लोन माफ कर दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे आर्थिक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है और सरकार उन्हें किसी भी हाल में बख्शने के मूड में नहीं है। उन्होंने राज्यसभा में बैंककारी विधियां (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के दौरान बताया कि अब तक 749.83 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। इसके बाद उच्च सदन ने इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया।

सीतारमण ने कहा कि 2014 में भारतीय बैंकिंग सेक्टर गंभीर संकट में था और उस समय भारत को वैश्विक स्तर पर कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता था। सरकार ने इसके बाद कई बड़े सुधार किए, जिससे बैंकों की स्थिति मजबूत हुई। उन्होंने बताया कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) सितंबर 2024 में घटकर 2.5% के निचले स्तर पर पहुंच गईं। बैंकों की हालत में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने पिछले वित्त वर्ष में 1.41 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड मुनाफा कमाया। दिसंबर 2024 तक बैंकों का सकल एनपीए अनुपात 2.85% पर आ गया, जबकि मार्च 2018 में यह 14.58% के उच्चतम स्तर पर था।

सरकार ने कर्जदारों के लोन माफ नहीं किए

वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार ने कर्जदारों के लोन माफ नहीं किए हैं, बल्कि उन्हें बट्टे खाते (Write-Off) में डाला गया है, ताकि बैंक अपनी बैलेंस शीट सुधार सकें और वसूली की प्रक्रिया तेज की जा सके। उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अब तक 22,280 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है, जिसे अदालत के आदेश पर वैध दावेदारों को सौंपा गया है। 31 दिसंबर 2024 तक 9 भगोड़े आर्थिक अपराधियों को घोषित किया गया और उनकी 749.83 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली गई।

मोदी सरकार की प्रत्यक्ष लाभ अंतरण नीति से छोटे किसानों को लाभ हुआ

सीतारमण ने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सरकार की प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) नीति से छोटे किसानों को सबसे अधिक लाभ हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासन के दौरान मनरेगा, किसान ऋण माफी योजना और खाद्य सुरक्षा योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार था, लेकिन मोदी सरकार ने इन योजनाओं को पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ लागू किया।

उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता बैंकों की स्थिरता सुनिश्चित करना और कर्ज लेकर भागने वालों पर सख्त कार्रवाई करना है। सरकार ने इस दिशा में कई ठोस कदम उठाए हैं और आगे भी कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।

यह भी पढ़ें : नाबालिग के साथ यौन हिंसा के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

Hindi Khabar App: देश, राजनीति, टेक, बॉलीवुड, राष्ट्र,  बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल, ऑटो से जुड़ी ख़बरों को मोबाइल पर पढ़ने के लिए हमारे ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कीजिए. हिन्दी ख़बर ऐप

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अन्य खबरें