Defamation Case: तेजस्वी को SC से मिली राहत, गुजरात में दर्ज है मानहानि केस
Defamation Case: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार, 06 अक्टूबर को बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले में गुजरात की एक अदालत के समक्ष चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी है, बता दें कि उनपर कथित तौर पर कहा गया था कि ‘केवल गुजराती ही धोखेबाज हो सकते हैं’। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की बेंच ने मुकदमे को गुजरात से बिहार स्थानांतरित करने की मांग करने वाली यादव की स्थानांतरण याचिका पर शिकायतकर्ता से जवाब मांगा है।
Defamation Case: गुजरात में दर्ज हुई थी मानहानि केस
राष्ट्रीय जनता दल नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री के खिलाफ गुजरात के अहमदाबाद में एक मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष आपराधिक मानहानि की शिकायत दायर की गई थी, जब उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि आज की स्थिति में “केवल गुजराती ही धोखेबाज हो सकते हैं”। बता दें कि यह शिकायत ऑल इंडिया एंटी करप्शन एंड क्राइम प्रिवेंटिव काउंसिल नामक संगठन के उपाध्यक्ष हरेश मेहता ने दायर की थी। याचिका में मजिस्ट्रेट से यादव को बुलाने का आग्रह करते हुए मेहता ने कहा कि यादव की टिप्पणी से गुजरातियों को “मानसिक और शारीरिक नुकसान” हुआ है।
गुजरातियों पर की थी टिप्पणी
यादव ने टिप्पणी करते हुए कहा, “जो दो ठग है ना, ठग को जो अनुमति है, आज के देश के हालात में देखा जाएगा तो सिर्फ गुजराती ही ठग हो सकता है और उसके ठग को माफ किया जाएगा। एलआईसी का पैसा, बैंक का पैसा दे दो, फिर वो लोग लेके भाग जाएंगे, तो कौन जिम्मेदार होगा? (ये जो दो धोखेबाज हैं, धोखेबाजों को जो छूट दी गई है, अगर देश में आज की स्थिति देखी जाए तो केवल गुजराती ही धोखेबाज/ठग/धोखाधड़ी करने वाले हो सकते हैं और उनकी धोखाधड़ी माफ कर दी जाएगी’’।
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