
Deepfake Video: देशभर से लगातार आ रही डीपफेक वीडियो के मामले में अब पुलिस कार्रवाई शुरू कर दी है। इंदौर पुलिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य कई राजनेताओं के डीपफेक वीडियो प्रसारित करने के आरोप में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ चार मामले दर्ज किए हैं। पुलिस द्वारा मूल वीडियो की तुलना प्रसारित वीडियो से करने के बाद रिपोर्ट दर्ज की गई क्योंकि पुलिस के पास डीपफेक तकनीक का पता लगाने के लिए सॉफ्टवेयर उपकरण नहीं हैं। बता दें कि 17 नवंबर को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके डीपफेक छवियों और वीडियो से होने वाले खतरों के बारे में देश को आगाह किया था। उसी दिन इंदौर के कनाडिया पुलिस स्टेशन में एक वीडियो के संदर्भ में एफआईआर दर्ज की गई थी जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक गंभीर मुद्दे पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए हंसते हुए दिखाई दे रहे थे।
Deepfake Video: व्हाट्सएप उपयोगकर्ता ने की शिकायत
केस पंजीकरण के मामले में पुलिस अधिकारी केपी यादव ने कहा, “एक व्हाट्सएप उपयोगकर्ता ने एक डीपफेक वीडियो देखने के बाद एफआईआर दर्ज की, जिसमें पीएम मोदी के भाषण को संपादित करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया गया था, जिसमें वह अपने भाषण के दौरान हंसते हुए दिखाई दे रहे थे।” इसके अलावा, तीन अन्य एफआईआर क्राइम ब्रांच, इंदौर में दर्ज की गई हैं।
कांग्रेस नेता ने भी की थी शिकायत
एक वीडियो मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ द्वारा भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई एक सामाजिक कल्याण योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना को बंद करने की घोषणा से संबंधित था, जिसमें राज्य की प्रत्येक महिला को हर महीने ₹1,250 मिलते हैं। इसको लेकर पुलिस अधिकारी ने कहा कि 17 नवंबर को राज्य में हाल ही में हुए चुनाव से पहले नवंबर के दूसरे सप्ताह में कांग्रेस नेता राकेश यादव की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई थी।
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