Gopalganj Civil Court’s Decision: पुजारी को 20 साल का कारावास, बच्ची से हैवानियत का मामला
Court’s Decision: मंदिर में दीया जलाने गई बच्ची को हवस का शिकार बनाने के मामले में मंदिर के पुजारी को गोपालगंज सिविल कोर्ट ने 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने कहा कि समाज में ऐसे लोगों को खुले में रहने की इजाजत नहीं दी जा सकती. अभियोजन पक्ष से विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो दारोगा सिंह तथा बचाव पक्ष से अधिवक्ता रविंद्र सिंह की दलीलों को सुनने व उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट एडीजे छह सह विशेष न्यायाधीश पॉक्सो संजीव कुमार पांडेय की कोर्ट ने यह सजा सुनाई. साथ ही 20 हजार रुपये अर्थदंड लगाया। अर्थदंड नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भी काटनी होगी.
Court’s Decision: नौ गवाहों के दर्ज हुए थे बयान
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए दोषी से कहा, धर्म, आस्था, मंदिर को कंलकित किया. समाज में ऐसे लोगों को खुले में रहने की इजाजत नहीं दी जा सकती. मामले में तीन वर्षों में नौ गवाहों का बयान दर्ज हुआ. स्पेशल कोर्ट में सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता रविंद्र सिंह ने नौ गवाहों के बयान को दर्ज कराया. जबकि पीड़ित बच्ची के बयान को सुनने व पुलिस की ओर से दिए गए साक्ष्य, चार्जशीट को देख कोर्ट ने पुजारी को दोषी पाते हुए सजा दी.
हनुमान मंदिर के पीछे दिया था वारदात को अंजाम
पूरा मामला गोपालगंज जिले के मीरगंज थाने के एक गांव का है. प्राथमिक रिपोर्ट के मुताबिक बच्ची अपने मां के साथ उचकागांव थाना क्षेत्र के एक गांव में रह रही थी. 21 अक्टूबर 2020 को शाम में वह गांव स्थित हनुमान मंदिर में दीया जलाने के लिए गई थी. इसी दौरान मंदिर का पुजारी तथा उसी गांव का निवासी रमैया शुक्ल ने मंदिर के पीछे ले जाकर बच्ची के साथ हैवनियत की. जिसके बाद घर आई बच्ची ने अपनी माँ से पूरी बात बताई। इसके बाद उसने गोपालगंज महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. इसी मामले में कोर्ट ने आरोपी को सजा सुनाई.
रिपोर्टः प्रदीप शर्मा, संवाददाता, गोपालगंज, बिहार
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