Hathras Stampede : SIT रिपोर्ट के बाद CM योगी का बड़ा एक्शन, छह अधिकारियों को किया सस्पेंड
CM Yogi action in Hathras Stampede : हाथरस के सिकंदराराऊ में समागम स्थल पर मची भगदड़ के मामले में यूपी सरकार के मुख्यमंत्री सीएम योगी ने SIT रिपोर्ट आने के बाद बड़ा एक्शन लिया है. उन्होंने स्थानीय CO, SDM और तहसीलदार सहित छह अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है.
बता दें कि हाथरस जिले में विगत दो जुलाई को स्वयंभू भोले बाबा उर्फ सूरजपाल सिंह का समागम था. इसमें यहां अचानक मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं कई लोग घायल हो गए थे. अब SIT ने इस मामले में जांच के बाद अपनी 300 पेज की रिपोर्ट सौंप दी है. इस रिपोर्ट में इन अधिकारियों की लापरवाही बताई गई है.
बता दें कि एसआईटी की इस रिपोर्ट में 132 लोगों के बयान दर्ज हैं. इस रिपोर्ट में घटनास्थल पर तैनात पुलिस से लेकर पीड़ित परिवारों के बयान लिए गए हैं. रिपोर्ट में हादसे से पहले की सभी जानकारी नोट की गई है। आगरा की एडीजी अनुपमा कुलश्रेष्ठ और अलीगढ़ की डिविजनल कमिश्नर चैत्रा वी ने इस रिपोर्ट को तैयार किया है.
गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रिपोर्ट मिलने की पुष्टि की है। दो सदस्यीय जांच टीम ने 150 अधिकारियों, कर्मचारियों और पीड़ित परिवारों के बयान दर्ज किए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्संग हादसे के बाद एसआईटी टीम गठित करते हुए 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था। हालांकि टीम ने अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए छठे दिन अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है.
बता दें कि एसआईटी की इस रिपोर्ट में घटनास्थल पर तैनात एक एक पुलिस व अन्य सभी विभागों के कर्मचारी-अधिकारी, प्रारंभिक सूचना वाले कर्मी, एंबुलेंस कर्मी, डॉक्टर, पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर, किसान, चश्मदीद, घायल, तहसील व जिला स्तर के अधिकारी, डीएम-एसपी आदि के बयान लिए गए हैं.
इस रिपोर्ट में बयानों के अलावा, घटना के संबंध में प्रकाशित समाचार की प्रतियां, स्थलीय विडियोग्राफी, छायाचित्र, विडियो क्लिपिंग का संज्ञान लिया गया। जांच समिति की आख्या के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:-
- एसआईटी ने प्रारंभिक जांच में चश्मदीद गवाहों व अन्य साक्ष्यों के आधार पर दुर्घटना के लिए कार्यक्रम आयोजकों को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना है।
- जांच समिति ने अब तक हुई जांच व कार्रवाई के आधार पर हादसे के पीछे किसी बड़ी साजिश से भी इंकार नहीं किया है और गहन जांच की जरूरत बताई है।
- जांच समिति ने कार्यक्रम आयोजक तथा तहसील स्तरीय पुलिस व प्रशासन को भी दोषी पाया है। स्थानीय एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज द्वारा अपने दायित्व का निर्वहन करने में लापरवाही के जिम्मेदार हैं।
- उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ द्वारा बिना कार्यक्रम स्थल का मुआयना किए आयोजन की अनुमति प्रदान कर दी गई और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया।
- उक्त अधिकारियों द्वारा कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लिया गया और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया गया। एसआईटी ने संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की है। तदक्रम में, उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ, पुलिस क्षेत्राधिकारी सिकन्दराराऊ, थानाध्यक्ष सिकन्दराराऊ, तहसीलदार सिकन्दराराऊ, चौकी इन्चार्ज कचौरा एवं चौकी इन्चार्ज पोरा को शासन द्वारा निलंबित कर दिया गया है।
- आयोजकों ने तथ्यों को छिपाकर कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति ली। अनुमति के लिए लागू शर्तों का अनुपालन नहीं किया गया। आयोजकों द्वारा अप्रत्याशित भीड़ को आमंत्रित कर पर्याप्त एवं सुचारु व्यवस्था नहीं की गई। न ही कार्यक्रम के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा दी गई अनुमति की शर्तों का पालन किया गया।
- आयोजक मंडल से जुड़े लोग अव्यवस्था फैलाने के दोषी पाए गए हैं। इनके द्वारा जिन लोगों को बिना विधिवत पुलिस वेरिफिकेशन के जोड़ा गया, उनसे अव्यवस्था फैली।
- आयोजक मंडल द्वारा पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया गया। स्थानीय पुलिस को कार्यक्रम स्थल पर निरीक्षण से रोकने का प्रयास किया गया।
- सत्संगकर्ता और भीड़ को बिना सुरक्षा प्रबंध के आपस में मिलने की छूट दी गई। भारी भीड़ के दृष्टिगत यहां किसी प्रकार की बैरीकेटिंग अथवा पैसेज की व्यवस्था नहीं बनाई गई थी और दुर्घटना घटित होने पर आयोजक मंडल के सदस्य घटना स्थल से भाग गए।
रिपोर्ट : समीक्षा चौधरी, संवाददाता, लखनऊ, उत्तरप्रदेश
यह भी पढ़ें : CM योगी का प्रयास : यूपी का आम बनेगा और खास, बागानों की काट-छांट के लिए नहीं लेनी होगी अनुमति
Hindi Khabar App: देश, राजनीति, टेक, बॉलीवुड, राष्ट्र, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल, ऑटो से जुड़ी ख़बरों को मोबाइल पर पढ़ने के लिए हमारे ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कीजिए. हिन्दी ख़बर ऐप