सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ के हालात का लिया जायजा, प्रभावित परिवारों से भी की मुलाकात

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ में पैदा हुए आपदा के हालात का आज जायजा लिया । मुख्यमंत्री ने प्रभावित लोगों से भी मुलाकात कर राहत और विस्थापन की स्थिति का हाल जाना। सीएम ने कहा कि पौराणिक महत्व के जोशीमठ नगर को बचाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने पहले हवाई सर्वेक्षण कर प्रभावित इलाकों की स्थिति देखी। इसके बाद सीएम धामी ने स्थलीय सर्वेक्षण कर जोशीमठ के हालात देखे। मुख्यमंत्री ने जोशीमठ में हो रहे पानी के रिसाव के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। जमीन धंसने के कारण क्षतिग्रस्त मकानों में जाकर मुख्यमंत्री ने लोगों से बातचीत की। प्रभावित लोगों ने मुख्यमंत्री को उनकी परेशानियों के बारे में बताया। परेशान लोग सीएम को अपने बीच पाकर बिलख पड़े।
मुख्यमंत्री ने सभी को ढांढस बंधाया और उनके लिए सभी जरूरी इंतजाम का भरोसा दिया। मुख्यमंत्री प्रभावित इलाकों में रह रहे बच्चों से भी मिले। और मौजूदा हालात में उनसे उनकी दिनचर्या पर पड़े असर के बारे में बात की। सर्वेक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ में हो रहे पानी के रिसाव के कारण हालात बिगड़े हैं। इसके रोकने के लिए विशेषज्ञों ने उपाय सुझाए हैं, लेकिन ये दीर्घाकालिक उपाय हैं। सीएम ने कहा कि अभी सरकार की पहली कोशिश है कि प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए और उनके लिए जरूरी इंतजाम किए जाएं। सीएम ने कहा कि लोगों के पुनर्वास के लिए भी जगह देखी जा रही है।
LIVE: जोशीमठ में प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय सर्वेक्षण एवं स्थानीय लोगों से मुलाकात करते हुए
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) January 7, 2023
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मुख्यमंत्री ने कहा कि भीषण ठंड के मद्देनजर अधिकारियों को राहत और विस्थापन के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने पहले ही विस्थापित परिवारों को मकान के किराए के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से धनराशि को मंजूरी दे दी है। विस्थापित परिवारों को 4 हजार रूपए की धनराशि प्रति माह की दर से 6 महीने तक देने के लिए 1 करोड़ की अग्रिम धनराशि को मंजूरी दी गई है। सीएम का कहना है कि लोगों को राहत और जोशीमठ नगर को सुरक्षित रखने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि जोशीमठ पौराणिक लिहाज से देवभूमि के प्रमुख तीर्थ स्थानों में एक है। सीमांत क्षेत्र का भी ये एक प्रमुख पड़ाव है । इसलिए इस सांस्कृतिक और पौराणिक विरासत को सहेजे नगर को बचाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।