मुख्य सचिव मामले में CM केजरीवाल ने LG को भेजी रिपोर्ट, सस्पेंड करने की सिफारिश

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दिल्ली सरकार में मुख्य सचिव नरेश कुमार (Naresh Kumar) के बेटे पर लगा भ्रष्टाचार का आरोप विजिलेंस मंत्री आतिशी की रिपोर्ट के बाद गरमाता नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Cm Arvind Kejriwal) ने आतिशी द्वारा कल (14 नवंबर) को भेजी गई 650 पन्नों की रिपोर्ट एलजी (LG) को सौंप दी है। जिसके साथ ही सीएम ने मुख्य सचिव को तुरंत पद से हटाने और सस्पेंड करने की मांग की है। केजरीवाल ने आतिशी को ये रिपोर्ट CBI और ED को भी भेजने के आदेश दिए हैं।

बता दें कि इससे पहले दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार से जुड़े कथित भ्रष्टाचार मामले पर सतर्कता मंत्री आतिशा की रिपोर्ट में उन्हें पद से हटाने की सिफारिश की गई थी। 650 पन्नों की रिपोर्ट में दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार और डिविजनल कमिश्नर अश्विनी कुमार को उनके पद से तत्काल हटाने की मांग की। ताकि जांच पर उनका कोई प्रभाव न पड़े और मामले से जुड़ी सभी फाइलें तुरंत जब्त की जाए। आतिशी ने अपनी इस रिपोर्ट में मुख्य सचिव के बेटे के खिलाफ कई बड़े खुलासे किए थे।

आतिशी द्वार भेजी गई रिपोर्ट के खुलासे

1-मुख्य सचिव ने अपने बेटे की कंपनी को पहुँचाया 850 करोड़ का अवैध लाभ

बता दें कि मुख्य सचिव के बेटे की कंपनी ने 2015 में द्वारका एक्सप्रेसवे के पास 75 लाख में भूमि खरीदी थी। जिसमें अब 850 करोड़ का गैरकानूनी लाभ हो रहा है।

2-मुख्य सचिव ने अपने बेटे की कई और कंपनियों को भी सरकारी ठेकों से नवाजा

आरोप है कि मुख्य सचिव ने अपने बेटे और भी कई कंपनियों को सरकारी ठेके दिलवाए है।

बता दें कि सतर्कता निदेशालय पहले ही कथित अनियमितताओं की जांच कर चुका था और जिला मजिस्ट्रेट को निलंबित भी कर दिया गया था। लेकिन इस मामले में मुख्य सचिव की भूमिका अहम थी।

अधिकारियों को लिखे पत्र में आतिशी ने क्या कहा था

इस मामले में सतर्कता मंत्री आतिशी ने अधिकारियों को पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने कहा था कि मुख्य सचिव के बेटे एक कंपनी में कार्यरत हैं। उक्त संपत्ति के मालिक के रिश्तेदारों को प्रदान की जाने वाली मुआवजे की राशि निर्धारित की जानी बाकी है। मंत्री ने लिखा था कि आरोप लगाया गया है कि दो जमीन मालिक सुभाष चंद कथूरिया और विनोद कथूरिया मुख्य सचिव के बेटे के एक व्यापारिक सहयोगी के परिवार के सदस्य हैं। मई 2023 में तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट (दक्षिण-पश्चिम दिल्ली) हेमंत कुमार ने बामनौली गांव में 19 एकड़ जमीन के लिए 2 व्यक्तियों को 18.54 करोड़ रुपए प्रति एकड़ की दर से मुआवजे के रूप में 353 करोड़ रुपए दिए। 2018 में द्वारका एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा भूमि का अधिग्रहण किया गया था।

क्या हैं पूरा मामला

यह पूरा मामला दक्षिण पश्चिम जिले में द्वारका के बामनोली गांव में 19 एकड़ जमीन अधिग्रहण का है। जो द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए अधिग्रहित है।बता दें कि साल 2018 में जमीन के ले मुआवजे की रकम 48 करोड़ तय की गई थी। लेकिन 2023 में दिल्ली के दक्षिण पश्चिम जिले के डीएम हेमंत कुमार ने इसे कई गुना बढ़ाकर 353 करोड़ कर दिया। अब इस मामले पर मुख्य सचिव पर इसलिए आरोप लग रहे हैं क्योंकि जिन जमीन मालिकों को इस जमीन अधिग्रहण में बढ़े हुए मुआवजे से फायदा होना था, उनके दामाद की कंपनी में मुख्य सचिव नरेश कुमार का बेटा करण चौहान काम करता है। मुख्य सचिव नरेश कुमार की तरफ से सोमवार को डिविजनल कमिश्नर अश्विनी कुमार बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस करने आए तो उन्होंने मुख्य सचिव पर लग रहे सभी आरोपी को खारिज किया और कहा कि मुख्य सचिव ने खुद इस मामले में तत्कालीन डीएम हेमंत कुमार के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करवाई। हालांकि प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अश्वनी कुमार ने मुख्य सचिव के बेटे और जमीन मालिकों के संबंध को लेकर कहा कि कोई भी व्यक्ति कहीं पर भी काम कर सकता है।

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