गर्भ में बच्चे की मौत, डॉक्टर डिलीवरी करने को तैयार नहीं

इंदौर-सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं किस तरह दम तोड़ रही हैं, इसका एक और मामला सामने आया है। पीसी सेठी अस्पताल में मंगलवार को जांच कराने पहुंची महिला को बताया गया कि गर्भ में बच्चे की मौत हो गई है। पति ने डॉक्टर से डिलीवरी के लिए कहा तो किसी ने ध्यान नहीं दिया। महिला 27 मार्च को पीसी सेठी अस्पताल पहुंची थी। तब स्त्री रोग विशेषज्ञ ने जांच कर कहा था कि अभी डिलीवरी के कोई लक्षण नहीं हैं। बच्चे की धड़कन और ब्लड की जांच की गई और महिला को 11 अप्रैल को आने के लिए कहा गया। 11 अप्रैल को महिला पति के साथ पहुंची तो बता दिया कि बच्चे की गर्भ में मौत हो चुकी है।
सोनोग्राफी रिपोर्ट में लाइकर यानी फ्लूइड कम था। इस पर पति ने डॉक्टरों से कहा कि डिलीवरी कर दें, ताकि पत्नी की जान को कोई खतरा न हो, लेकिन कोई ध्यान देने को तैयार नहीं था। तब पति ने जिला प्रशासन से शिकायत की। कलेक्टर इलैया राजा टी ने देर रात अस्पताल प्रभारी डॉ. निखिल ओझा को फोन किया। तब रात को डॉक्टर अस्पताल पहुंचे और सर्जरी की। अस्पताल प्रभारी ने अब मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति बनाई है।
पीसी सेठी अस्पताल
30 डॉक्टरों का स्टाफ
08 स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं
250 से 300 महिलाएं रोज पहुंचती हैं
234 सिजेरियन हुए पिछले महीने
जिले की स्थिति
70 से 80 हजार प्रसूति जिले में होती है हर साल
71 प्रसूताओं की मौत हुई सालभर में
600 से 700 शिशु मृत्यु केस रिपोर्ट हुए सालभर में