Child Custody: मां की हिरासत से बच्चे को ले जाना अवैध नहीं, पिता भी है वैध अभिभावक

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Child Custody: बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर बेंच ने हाल ही में फैसला दिया है कि एक पिता जिसने अपने बच्चे को मां की हिरासत से छीन लिया है, उस पर भारतीय दंड संहिता के तहत अपहरण का मामला दर्ज नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने फैसला सुनाया कि सक्षम अदालत के आदेश द्वारा किसी भी निषेध के अभाव में, आवेदक-पिता पर अपने ही नाबालिग बच्चे को उसकी मां की हिरासत से छीनने का मामला दर्ज नहीं किया जा सकता है।

Child Custody: जैविक पिता पर नहीं हो सकता केस दर्ज

न्यायमूर्ति विनय जोशी और न्यायमूर्ति एसए मेनेजेस की खंडपीठ ने एक व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा-363 (अपहरण) के तहत दर्ज मामले को खारिज कर दिया, जिसमें कथित तौर पर उसके तीन साल के बेटे को ले जाने का आरोप था, जो उसकी अलग पत्नी की हिरासत में था। 6 अक्टूबर को दिए गए फैसले में कोर्ट ने कहा कि किसी भी जैविक पिता पर अपने ही बच्चे के अपहरण का मामला सिर्फ इसलिए दर्ज नहीं किया जा सकता, क्योंकि उसने बच्चे को उसकी पत्नी से छीन लिया था।

पिता भी है एक वैध अभिभावक

कोर्ट ने कहा, “प्राकृतिक पिता द्वारा बच्चे को माँ की हिरासत से छीनने का प्रभाव वास्तविक अर्थों में बच्चे को मां की वैध संरक्षकता से पिता की किसी अन्य वैध संरक्षकता में ले जाने के समान है। नाबालिग बच्चे का प्राकृतिक पिता भी एक वैध अभिभावक है। अदालत ने कहा, ”पिता ने अपहरण का अपराध किया है, यह नहीं कहा जा सकता है।”

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