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Char Dham Yatra: जर्जर हालत में चारधाम यात्रा से जोड़ने वाला पुल, अब श्रद्धालु कैसे करेंगे दर्शन ?

चार धाम यात्रा 3 मई से शुरू हो रही है. यात्रा शरू होने से पहले ही ऋषिकेश से लेकर बद्रीनाथ धाम तक 500 किमी के रास्ते को दुरुस्त करने का काम तेज है, तो दूसरी तरफ यमुनोत्री धाम तक पहुंचने वाला रास्ता खस्ताहाल बना हुआ है. जो स्थानीय प्रशासन और सरकार के लिए चुनौती बने हैं.

जर्जर हालत में मोटरपुल

वहीं, चारधाम यात्रा मार्ग के अलावा रुद्रप्रयाग जनपद की हजारों की आबादी को जोड़ने के लिए अलकनंदा नदी पर रुद्रप्रयाग में बनाया गया मोटरपुल जर्जर हालात में है. जिस पर भारी वाहनों के चलने से यह मोटरपुल कांपने लगता है. साल 2013 की आपदा में भी पुल को काफी क्षति पहुंच चुकी है, लेकिन आज तक पुल का ट्रीटमेंट नहीं हो पाया है.

बता दे कि, पुल पर आए दिन भारी वाहनों के चलने से पुल की हालत जर्जर बन चुकी है और कभी भी कोई घटना घट सकती है. पुल की हालत को लेकर स्थानीय प्रशासन मूकदर्शी बना हुआ है. जबकि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां जारी है.

अलकनंदा नदी पर स्थित है पुल

जानकारी के लिए बता दे कि यह पुल रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी के ऊपर कई दशकों से स्थित है. यह पुल ट्रीटमेंट के अभाव में जर्जर हालात में पहुंच चुका है. लगभग पचास मीटर लंबे इस पुल को 16-17 जून 2013 की आपदा में भी काफी क्षति पहुंची थी. हालत यह हो चुकी है कि पुल पर एक साथ एक ही वाहन चलाने के निर्देश हैं, लेकिन पुल पर एक साथ कई वाहन चलते हैं, जिससे पुल की स्थिति दिन-प्रतिदिन जर्जर होती जा रही है.

इस मोटरपुल से जहां रुद्रप्रयाग जनपद की हजारों की आबादी जुड़ी हुई है. वहीं चारधाम यात्रा का संचालन भी इसी पुल से होता है. केदारघाटी और केदारनाथ धाम को जोड़ने के लिए यही पुल निर्मित है. पुल के ट्रीटमेंट की स्थानीय जनता भी लगातार मांग करती आ रही है, लेकिन पुल का ट्रीटमेंट नहीं हो पाया है. जर्जर हो चुके इस पुल से आवाजाही करने में खतरा महसूस होता है.

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