पराली जलाने से रोकने के लिए केन्द्र ने नहीं दिया मुआवजा: पंजाब सरकार

रिपोर्ट- कुलदीप
राजधानी दिल्ली और एनसीआर में जानलेवा आबोहवा के मुद्दे पर आरोप – प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है राज्य की तरफ से पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार से मुआवजे की मांग की गई थी लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
पराली जलाने से रोकने के लिए केन्द्र ने नहीं दिया मुआवजा: पंजाब सरकार
पंजाब सरकार ने कहा कि किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए केंद्र सरकार से किसानों को एमएसपी से 100 रुपये प्रति क्विंटल अधिक का मुआवजा देने की मांग की थी, लेकिन केंद्र सरकार ने इस बात की तरफ बिलकुल भी ध्यान नहीं दिया।
बहरहाल , सुप्रीम कोर्ट में प्रदूषण पर चल रही सुनवाई के दौरान , केंद्र सरकार की तरफ से भी हलफनामा दायर किया गया है । इस हलफनामे में दिल्ली में ट्रकों पर प्रतिबंध, थर्मल प्लांट को बंद करने और निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाना शामिल है।
केन्द्र सरकार ने ये भी कहा कि न्यायालय द्वारा सुझाए गए वर्क फ्रॉम होम को लागू करने के बजाय यह सरकारी अधिकारियों के लिए दिल्ली में वाहन पूलिंग प्रणाली को लागू करेगा. केंद्र ने बताया है कि पूलिंग का आदेश 16 नवंबर को जारी कर दिया गया है। साथ ही ये भी कहा गया है कि केंद्र सरकार के कर्मचारी बहुत कम संख्या में आते है। केंद्र सरकार ने कहा कि कर्मचारियों द्वारा इस्तेमाल होने वाली गाड़ियां की संख्या सड़क पर चलने वाली कुल गाड़ियों के मुकाबले काफी कम है , इसलिए उसे रोकने से वायु गुणवत्ता पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा।
उधर , ग्रेटर नोएडा में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर प्राधिकरण ने सख्त कदम उठाए हैं। अगले चार दिनों तक शहर में निर्माण कार्यो पर रोक लगा दी गई है। चार दिन तक आरएमसी, हॉट मिक्स प्लांट, डीजल जेनरेटर के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है। प्राधिकरण के एसीईओ ने अधिकारियों के साथ बैठक कर दिल्ली एनसीआर में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए ये फैसला लिया है।