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250 रुपए से 10 रुपए किलो पर आया टमाटर, दाम न मिलने से किसान परेशान, फेंक दी उपज

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जून में 250 रुपए किलो बिकने वाला टमाटर अब रिटेल यानी कि फुटकर बाजार में 15 रुपए किलो पर आ गया है। इसके दाम गिरने से किसानों को नुकसान हो रहा है। किसानों के अनुसार थोक में इसके दाम चार से पांच रुपए प्रति किलो पर आ गए है। किसानों का कहना है कि लागत भाड़ा और मजदूरी भी नहीं निकल पा रही। इसलिए किसान मंडी न जाने वाले टमाटर को फेंक रहे है।

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क्योंकि 2 माह पहले टमाटर की कीमतें 200 रुपए प्रति किलो थी जो अब गिरकर 3 रुपए प्रति किलो पर आ गई है। आंध्रप्रदेश के रायलसीमा में कई किसानों ने दाम नहीं मिलने के कारण अपनी फसलें सड़को पर फेंक दी है। वहीं कई किसान खेतों में पूरी तरह तैयार हो चुकी टमाटर की फसल नहीं ले रहे हैं। उनका कहना है कि वे अपनी फसल को पास के थोक बाजारों में बेचकर परिवहन लागत भी वसुल नहीं कर पाएंगे।

बता दें कि कुछ समय पहले आंध्र में कई ऐसे किसान थे जिन्होंने टमाटर बेचकर लाखों रुपए कमाए थे। जबकि कीमत ज्यादा होने के कारण होटल की रसोईयों में टमाटर का यूज होना बंद हो गया था। वहीं सरकार ने आम जनता को राहत देने के लिए 50 रुपए प्रति किलो पर बाजार में टमाटर बेचे थे। लेकिन पिछले एक सप्ताह में किसानों के साथ-साथ आम जनता के लिए यह स्थिति बदल गई है। यहां थोक बाजार में कीमतें घटकर 10 रुपए किलो से नीचे आ गई हैं। जबकि खुदरा बाजारों में टमाटर 20 से 30 रुपए प्रति किलो बिक रहा है।

बता दें नेशनल हॉर्टीकल्चरल रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन के अनुसार, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक भारत है। ये 7.89 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 25.05 टन प्रति हेक्टेयर की औसत उपज से करीब 2 करोड़ टन टमाटर का उत्पादन करता है। चीन 5.6 करोड़ टन प्रोडक्शन के साथ टॉप पर है।

भारत में 2021-22 में 2 करोड़ टन से ज्यादा टमाटर का उत्पादन हुआ था। यहां मुख्य रूप से दो तरह के टमाटर उगाए जाते हैं। हाइब्रिड और लोकल। मध्य प्रदेश देश में सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक राज्य है। इसके बाद आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा और गुजरात का नंबर है।

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