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GST के 4 साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने कही ये बात

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नई दिल्ली। 1 जुलाई 2017 को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स कानून यानि की जीएसटी को लागू किया गया था। जीएसटी कानून में 17 तरह के अलग-अलग टैक्स और सेस को शामिल किया गया था। इसमें एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, VAT जैसे टैक्स और 13 सेस शामिल किए गए थे। इसे अबतक का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म कहा गया था। आज 1 जुलाई को इसके चार साल पूरे हो गए हैं।

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जीएसटी के चार साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने कहा कि जीएसटी भारत के आर्थिक परिदृश्य में एक मील का पत्थर साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि जीएसटी की वजह से आम आदमी को कई तरह के टैक्स, टैक्स बोझ और टैक्स की वजह से होने वाली परेशानियों को कम किया गया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी की वजह से पारदर्शिता, अनुपालन और समग्र संग्रह में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखने को मिली है।

पिछले चार साल में जीएसटी काउंसिल की 44 महत्वपूर्ण बैठकें हो चुकी है। जीएसटी के चार साल पूरे होने पर वित्त मंत्रालय ने ट्वीट के जरिए कहा है कि जीएसटी कानून उपभोक्ता और करदाताओं दोनों के लिए काफी फ्रेंडली है।

वर्तमान में अगर किसी बिजनेस का टर्नओवर 40 लाख (गुड्स के लिए) है तो उसे जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। पहले इसकी लिमिट 20 लाख थी। जिनका टर्नओवर 1.5 करोड़ सालाना है वो कंपोजिट स्कीम का फायदा उठा सकते हैं और उन्हें केवल 1 फीसदी का टैक्स (गुड्स पर) लगेगा। सर्विस आधारित बिजनेस टर्नओवर 20 लाख तक जीएसटी के दायरे से बाहर है। सर्विस बिजनेस में 50 लाख तक टर्नओवर होने पर कंपोजिट स्कीम के तहत केवल 6 फीसदी का टैक्स जमा किया जा सकता है।

बता दें कि जीएसटी के तहत पशु चारा,  जलीय चारा और पोल्ट्री चारा, इन सभी को सभी प्रकार के बीजों के समान ही शून्य दर पर रखा गया है। दूसरे शब्दों में, कृषि प्रक्रिया से जुड़ी इन जरुरी चीजों पर जीएसटी प्रणाली के तहत किसी भी प्रकार का कोई कर नहीं लगता है। पुराने समय में रासायनिक उर्वरकों पर कर की दर 10 फीसदी से अधिक (1 फीसदी उत्पाद शुल्क, 2.44 फीसदी एम्बेडेड उत्पाद शुल्क, लगभग 4 फीसदी औसत वैट और 2.5 फीसदी सीएसटी, चुंगी, आदि) थी, जबकि जीएसटी व्यवस्था में सभी प्रकार के रासायनिक उर्वरकों पर केवल 5 फीसदी कर की दर लागू है।

जीएसटी के तहत कृषि क्षेत्र को तमाम रियायतें दी गई हैं। उर्वरकों पर, जीएसटी में शुद्ध कर को आधा कर दिया गया है। कृषि से जुड़े उपकरणों पर  कर उल्लेखनीय रूप से 15 फीसदी/18 फीसदी से 12 फीसदी, और कुछ खास वस्तुओं पर लगभग 8 फीसदी से लेकर 5 फीसदी तक कम कर दिया गया है। रोजर्मरा की जरुरत की अधिकतर चीजें शून्य या 5 फीसदी वाले स्लैब में रखी गई हैं। आवासीय परिसरों के निर्माण के लिए दरों में सामान्य रूप से 5  फीसदी और सस्ते घरों के लिए 1 फीसदी की भारी कमी आई है। रेस्टोरेंट के लिए भी दर को घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। सिनेमा के टिकटों पर लगने वाला टैक्स, जो कि पहले 35 फीसदी से लेकर 110 फीसदी के बीच होता था, उसको घटाकर 12 फीसदी कर दिया गया है (जहां टिकट का मूल्य 100 रुपये तक है) और जीएसटी व्यवस्था में यह 18 फीसदी कर दिया गया है।

वहीं, फ्रिज, वाशिंग मशीन, वैक्यूम क्लीनर, फूड ग्राइंडर्स और मिक्सर, वेजिटेबल जूस एक्सट्रैक्टर, शेवर, हेयर क्लिपर्स, वॉटर हीटर, हेयर ड्रायर, इलेक्ट्रिक स्मूदिंग आयरन, टीवी (32 इंच तक) जैसे उपकरणों पर टैक्स की दरें जीएसटी के कारण 31.3 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत रह गई हैं। बालों का तेल, टूथपेस्ट और साबुन जैसी रोजमर्रा की आम चीजों पर कर दरें जीएसटी से पहले के समय के 29.3 फीसदी से घटकर जीएसटी के तहत अब महज 18 फीसदी रह गई हैं। कुल मिलाकर, 400 वस्तुओं और 80 सेवाओं पर जीएसटी की दरों में कमी की गई है। यह देखते हुए कि जीएसटी से पहले की प्रणाली में अधिकांश वस्तुओं पर संयुक्त रूप से केंद्र और राज्यों की दरें 31 प्रतिशत से अधिक थीं। यह कमी करदाताओं के लिए एक बड़ी राहत है। आनेवाले समय में इसे ग्राहकों के लिए और आसान किया जा रहा है ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानियों का सामना ना करना पड़े।

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