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अगस्त में ₹47 लाख करोड़ पर पहुंचा म्यूचुअल-फंड्स का एयूएम, स्मॉलकैप फंड में 61% बढ़ा निवेश

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छोटी कैप कंपनियों के शेयर मार्केट में इस महीने गिरावट के दबाव में हैं, लेकिन अगस्त में सबसे अधिक निवेश स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड में हुआ। मल्टीकैप फंड दूसरे और सेक्टोरल या थीमैटिक फंड तीसरे स्थान पर रहे। पिछले साल अगस्त के मुकाबले बीते महीने स्मॉल-कैप फंड्स के आसेट्स अंडर मैनेजमेंट में 61% वृद्धि दर्ज की गई थी।

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आईसीआईआई सिक्यूरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का AUM 47 लाख करोड़ रुपए के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इसमें से 24 लाख करोड़ इक्विटी, हाइब्रिड और सॉल्यूशन-ओरिएंटेड स्कीम्स में निवेश किया गया। 48.7% इक्विटी निवेशक अपने स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो में 2 साल के अंदर निवेश कर रहे हैं। दिलचस्प है कि ऐसे ज्यादातर निवेशक ब्याज की रकम पर ब्याज यानी कंपाउंडिंग की महत्वपूर्णता समझते हैं।

पुराने फंड्स में तीन गुना से अधिक निवेश

अगस्त में पुराने फंड्स, जिन्हें न्यू फंड ऑफर (एनएफओ) से अलग करते हैं, में 15,200 करोड़ रुपए का निवेश हुआ। इसके मुकाबले, जुलाई में पुराने फंड्स में 4,600 करोड़ रुपए निवेश किया गया था। इसलिए पुराने फंड के रिटर्न का ट्रैक रिकॉर्ड होने के कारण निवेशक इसे एक सुरक्षित निवेश विचार कर रहे हैं, जबकि एनएफओ के प्रदर्शन की अनिश्चितता होती है।

स्मॉल-कैप फंड क्या होते हैं?

स्मॉल-कैप म्यूचुअल फंड वे फंड होते हैं जो छोटी कैप कंपनियों में निवेश करते हैं, यानी उन कंपनियों में जिनके शेयरों की मूल्य कम होती है। ये छोटी कैप कंपनियों को “स्मॉलकैप्स” कहा जाता है। इन फंड्स ने आमतौर पर अधिकांश निवेश को छोटी कैप कंपनियों में किया जाता है, जिसका परिणामस्वरूप इन कंपनियों की विकेन्द्रीकरण को प्रोत्साहित करता है।

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