पाकिस्तान को झटका, भारत के विरोध के बाद पार्टनर कंट्रीज की लिस्‍ट में भी नहीं मिली जगह

BRICS Membership :

BRICS Membership : पाकिस्तान को झटका, भारत के विरोध के बाद पार्टनर कंट्रीज की लिस्‍ट में भी नहीं मिली जगह

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BRICS Membership : ब्रिक्स में सदस्यता की उम्मीद रखने वाले पाकिस्तान को भारत के कड़े विरोध के कारण बड़ा झटका लगा है। न सिर्फ पाकिस्तान को ब्रिक्स की सदस्यता से वंचित किया गया, बल्कि पार्टनर कंट्रीज की सूची में भी उसकी जगह नहीं बन पाई। इस बीच, तुर्किए ने ब्रिक्स पार्टनर कंट्रीज की सूची में स्थान प्राप्त कर महत्वपूर्ण लाभ हासिल किया है।

रूस ने घोषणा की है कि ब्रिक्स में 13 देशों को शामिल किया गया है, जिनमें अल्जीरिया, बेलारूस, बोलिविया, क्यूबा, इंडोनेशिया, कजाखस्तान, मलेशिया, थाईलैंड, तुर्की, यूगांडा, नाइजीरिया, उज्बेकिस्तान और वियतनाम शामिल हैं। ये देश 1 जनवरी 2025 से ब्रिक्स के सदस्य बनेंगे। रूस से यह खबर आते ही पाकिस्तान की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा, जो चीन के समर्थन पर ब्रिक्स में शामिल होने की कोशिश कर रहा था। इसके अलावा, पाकिस्तान रूस को भी खुश करने की कोशिश कर रहा था ताकि वह भारत पर दबाव डालकर ब्रिक्स की सदस्यता का रास्ता साफ करा पाए।

तुर्किए की सफलता का कारण राजनयिक लचीलापन और रणनीति

माना जा रहा है कि कश्मीर मुद्दे पर तुर्किए के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन के रुख में बदलाव की वजह से भारत ने तुर्किए की दावेदारी का विरोध नहीं किया। दूसरी ओर, पाकिस्तान की ब्रिक्स में शामिल होने की कोशिशें भारत के सख्त रुख के कारण विफल रहीं। तुर्किए की सफलता इस बात का उदाहरण है कि राजनयिक लचीलापन और रणनीति का कितना महत्व होता है। पाकिस्तान को अब अपने राजनयिक प्रयासों पर पुनर्विचार करना होगा।

‘ब्रिक्‍स में पाकिस्‍तान व‍िफल’

पाकिस्‍तान की विदेश मामलों की जानकार और चर्चित पत्रकार मरियाना बाबर ने एक्‍स पर लिखा’, ‘ यह पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रालय की पूरी तरह से विफलता है। वह भी तब जब इशाक डार विदेश मंत्री हैं जिनकी विदेशी मामलों में सबसे कम रुच‍ि है। यहां तक कि नाइजीरिया ने पाकिस्‍तान से बेहतर किया और उसे ब्रिक्‍स का पार्टनर देश बना दिया गया है। पाकिस्‍तान को रूस, चीन और भारत ने ब्रिक्‍स से बाहर रखा।’ बता दें कि इशाक डार नवाज शरीफ के समधी और मरियम नवाज के ससुर हैं। इशाक डार पहले वित्‍त मंत्री हुआ करते थे लेकिन अब उन्‍हें शहबाज शरीफ के विरोध के बाद मजबूरन विदेश मंत्रालय से संतोष करना पड़ रहा है।

ब्रिक्स में भारत का सख्त रुख

बता दें कि, भारत रूस, ब्राजील, चीन और दक्षिण अफ्रीका के साथ ब्रिक्‍स का संस्‍थापक सदस्‍य देश है। ब्रिक्स के नए सदस्य देशों को शामिल करने के लिए सभी संस्थापक सदस्यों की सहमति जरूरी होती है। वहीं भारत ने पाकिस्तान की दावेदारी का कड़ा विरोध किया, जिससे उसके लिए दरवाजे बंद हो गए। यह तब हुआ जब चीन और रूस ने पाकिस्तान का समर्थन करने की कोशिश की थी।

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