बिहार में आंधी, पानी और वज्रपात से 58 लोगों की मौत, राज्य सरकार ने मुआवजे का किया ऐलान

बिहार में आंधी, पानी और वज्रपात से 58 लोगों की मौत, राज्य सरकार ने मुआवजे का किया ऐलान
Bihar weather tragedy : बिहार में गुरुवार (10 अप्रैल) को अचानक बदले मौसम ने भारी तबाही मचाई। राज्य के विभिन्न जिलों में आंधी, बारिश और वज्रपात की घटनाओं में कुल 58 लोगों की जान चली गई। आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, इनमें से 23 मौतें वज्रपात की वजह से हुईं, जबकि तेज आंधी और बारिश के दौरान पेड़ और दीवार गिरने की घटनाओं में 35 लोगों की मौत हुई।
सबसे अधिक प्रभावित जिले
नालंदा में सबसे ज्यादा 22 लोगों की जान गई है। वज्रपात से मरने वालों में सीवान में 4, जमुई में 3, सहरसा, अररिया और सारण में 2-2, जबकि पटना, जहानाबाद, भोजपुर, दरभंगा, अरवल, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, मुंगेर, कटिहार और भागलपुर में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।
आंधी और बारिश के कारण मौतों की बात करें तो भोजपुर में 5, गया में 3, और गोपालगंज, जहानाबाद, पटना, अरवल और मुजफ्फरपुर में एक-एक व्यक्ति की जान गई।
48 घंटे में 80 से अधिक मौतें
खास बात यह है कि दो दिन पहले भी वज्रपात की घटनाओं में बिहार में 22 लोगों की जान जा चुकी है। इस प्रकार बीते 48 घंटों में वज्रपात और आपदा की घटनाओं में कुल 80 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने किया मुआवजे का ऐलान और की सतर्कता की अपील
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस आपदा को लेकर गहरी संवेदना प्रकट की है और मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का आदेश दिया है। साथ ही उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की है कि खराब मौसम के दौरान पूरी सतर्कता बरतें और आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
मुख्यमंत्री ने कहा, “आपदा की इस घड़ी में राज्य सरकार प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है। लोगों से अपील है कि वे मौसम के अलर्ट को गंभीरता से लें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।”
वज्रपात से मौतों के पीछे कारण
विशेषज्ञों का मानना है कि बिहार में वज्रपात से होने वाली अधिक मौतों के पीछे जलवायु परिवर्तन, मानसून में नमी और तापमान का असंतुलन, तथा ग्रामीण इलाकों में खेती-बाड़ी के दौरान लोगों का खुले में रहना प्रमुख कारण
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