RSS प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान, कहा- “जब तक हम चीन पर निर्भर रहेंगे, तब तक उनके सामने झुकना पड़ेगा”

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मुंबई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मुंबई के ‘राजा’ स्कूल में ध्वजारोहण करके स्वतंत्रता दिवस का ज़श्न मनाया। उसके बाद उन्होंने भाषण दिया, जिसमें उन्होंने भारत की आर्थिक आज़ादी पर बात की।

घु, मध्यम, और कुटीर उद्योगों को मिले बढ़ावा

उन्होंने सीमित उपभोग पर ज़ोर देते हुआ कहा कि “मनुष्य में संयम की आदत होनी चाहिए, संयम रखने से हम प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग भी सीमित करेंगे। उन्होंने लोगों में मानवता को बढ़ावा देने के लिए, श्लोक-

“असतो मा सद्गमय ॥ तमसो मा ज्योतिर्गमय ॥ मृत्योर्मामृतम् गमय ॥“

का ज़िक्र करते हुए, इन पंक्तियों का अर्थ समझ कर उसे जीवन में उतारने की सलाह दी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि “लघु, मध्यम, और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा मिलना चाहिए, उन्हें मज़बूत किया जाना चाहिए। इससे रोज़गार को बढ़ावा मिलेगा।“

चीन पर बढ़ रही निर्भरता

उसके बाद भागवत ने चीन पर देश की बढ़ती निर्भरता पर चिंता जाहिर की और कहा, कि “आज हम जिस इंटरनेट और तकनीक का उपयोग कर रहे हैं, वो मुख्य रूप से भारत से नहीं आती। हम चीन के ऊपर कितना भी चिल्ला लें, लेकिन हमारे फोन में जो कुछ भी हैं, वो सब चीन से ही आता है। जब तक चीन पर हमारी निर्भरता रहेगी, तब तक हमें चीन के सामने झुकना ही पड़ेगा।”

उन्होंने कहा, हमें स्वदेशी वस्तुओं को अपनाना चाहिए। हमारे यहां जो चीज़ें उपलब्ध हैं, उसे बाहर से मंगाने का कोई औचित्य नहीं है। इसका मतलब ये भी नहीं, कि हम अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को ख़त्म कर दें। व्यापार करें, लेकिन शर्तें हमारी होनी चाहिए।

भागवत ने आगे कहा कि पहले के समय में किसी भी विदेशी आक्रांता की नज़र हमारी जमीन पर पड़ती थी, तो संघर्ष शुरू हो जाता था। हमारे देश पर आक्रमणकारियों ने बहुत बार आक्रमण किए,  लेकिन 15 अगस्त को हमने इस पर पूर्ण विराम लगा दिया। लड़ाईयां लड़ने वाले महापुरुष हमें प्रेरणा देते हैं। उनको आज याद करने का दिन है। 15 अगस्त 1947 को हम अपना जीवन चलाने के लिए स्वतंत्र हो गए थे।

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