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Vice President के लिए जगदीप धनखड़ ने दाखिल किया नामांकन, PM मोदी समेत कई नेता रहे मौजूद

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नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल और भाजपा नेता जगदीप धनखड़ ने एनडीए के उम्मीदवार के रूप में उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य भाजपा नेता मौजूद रहे। वहीं नामांकन दाखिल करने के बाद जगदीप धनखड़ ने कहा कि मैं किसान के घर में पैदा हुआ हूं, कक्षा 6 में पढ़ने के लिए 6 किमी पैदल गया, स्कॉलरशिप के जरिए आगे की पढ़ाई किया और आज साधारण किसान का बेटा नामांकन दाखिल करके आया है। मैं  पीएम मोदी का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे ये अवसर दिया।

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छह अगस्त को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव
बता दें कि छह अगस्त को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है। इसके लिए नामांकन की आखिरी तिथि 19 जुलाई है। धनखड़ राजस्थान के जाट समुदाय से आते हैं। किसान परिवार में जन्में धनखड़ को उम्मीदवार बनाकर भाजपा ने बड़ा दांव खेला है। राजस्थान के अलावा जाट समुदाय की संख्या पश्चिम उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली में काफी अधिक है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में धनकड़ की पकड़ काफी मजबूत मानी जाती है।

विपक्ष ने मार्गरेट अल्वा को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया
वहीं इससे पहले विपक्षी दलों ने भी रविवार को अपने प्रत्याशी का एलान कर दिया। विपक्ष ने मार्गरेट अल्वा को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। एनसीपी चीफ शरद पवार ने इनके नाम का एलान किया। इससे पहले एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के घर पर विपक्षी दलों की बैठक हुई। इसमें उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम पर चर्चा हुई। इसके बाद अल्वा के नाम का एलान किया गया।

जाट समुदाय से आते हैं धनखड़
धनखड़ राजस्थान के रहने वाले हैं, किसान परिवार से हैं और जाट समुदाय से आते हैं। मोदी सरकार के खिलाफ किसान आंदोलन में जाट किसान भी बड़ी तादाद में शामिल थे। इसके अलावा राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट वोटरों और किसानों की संख्या अच्छी-खासी है। कई निर्वाचन क्षेत्रों में जाट वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं। राजस्थान में तो अगले साल विधानसभा चुनाव भी होने हैं। गौर करने वाली बात यह है कि धनखड़ की उम्मीदवारी का एलान करते हुए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें ‘किसान पुत्र’ कहकर संबोधित किया। 

सीएम ममता से रहा अक्सर टकराव 
धनखड़ ने बंगाल में हुई राजनीतिक हिंसा के संदर्भ में एक बार यह भी कहा कि राज्य किस तरह लोकतंत्र का गैस चैम्बर बनता जा रहा है और वहां मानवाधिकार संकट में हैं। धनखड़ ने जब कहा कि मुख्यमंत्री ने कई मौकों पर उनकी तरफ से मांगी गई जानकारी नहीं दी और यहां तक कि विधानसभा में उनके संबोधन को दो बार ब्लैक आउट कर दिया तो नाराज ममता ने उन्हें ट्विटर पर ही ब्लॉक कर दिया। 2022 तक आते-आते ममता और धनखड़ के बीच रिश्तों में इतनी तल्खी आ गई कि राज्य सरकार यह विधेयक ले आई कि राज्य के विश्वविद्यालयों का चांसलर अब राज्यपाल नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री रहेगा। 

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