
साल 2022 का अंतिम शनिश्चरी अमावस्या आज पड़ रही है। आज के दिन स्नान, दान-पुण्य करने का काफी अधिक महत्व है।इस अमावस्या को कुशग्रहणी और पिथौरा अमावस्या भी कहते है। इस अमावस्या को कुशग्रहणी और पिथौरा अमावस्या भी कहते है। भाद्रपद में पड़ने वाली इस अमावस्या में करीब 14 साल बाद पद्म और शिव जैसे योग बने है। ऐसे में कुछ उपाय कर लें जिससे शनिदेव प्रसन्न होकर आपको कर देंगे मालामाल।
शनि अमावस्या के दिन करें ये कुछ खास उपाय
इस अमवस्या के दिन अन्न, घी, गुड़, नमक, आदि भोजन का दान करें या मंदिर में सीधा या पांच तरह के अनाज का दान भी कर सकते हैं। जैसे काले तिल, काली उड़द, काली राई, काले वस्त्र, लौह पात्र, गुड़, तेल, नीलम, भैंस, दक्षिणा किसी का भी दान करें।
शनिश्चरी अमावस्या पर शनिदेव का पूजन करें बाद शनि मंदिर में जाएं और उन्हें वहां पर सरसों का तेल, काली उड़द, काला तिल, लोहे की की, शमी पत्र, काला वस्त्र आदि चढ़ाएं। आज शनिदेव को आटे का चौमुखा दीया जलाकर ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का अधिक से अधिक जप करें।
आज शनि अमावस्या शनि के दोषाें से मुक्ति पाने के लिए एक कटोरे में सरसों का तेल रखकर उसमें सबसे पहले अपना चेहरा देखें और उसके बाद उसे शनिदेव को चढ़ाएं। शनि के इस उपाय से शनि संबंधी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
शनिश्चरी अमावस्या के दिन शनि मंदिर में जाकर शनिदेव के मंदिर में जाएं और वहां शनि चालीसा का पाठ करें। साथ ही इस दिन काले कौआ का भोजन कराएं। ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और शनिदेव का दुष्प्रभाव दूर होता है।